बुराड़ी कांड में हुआ बड़ा खुलासा : 11 लोगों की मौत न ही हत्या थी न ही आत्महत्या, तो फिर..

crime branch said  no murder was accident

नयी दिल्ली  : करीब चार महीने बाद बुराड़ी कांड में दिल्ली पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। दिल्ली के बुराड़ी के एक घर में मिले 11 लोगों के शव ने पुरे देश को हिलाकर रख दिया था, पुलिस के मुताबिक, यह एक हादसा था।  ये हत्या थी या आत्महत्या ये किसी के समझ नहीं आ रहा था. लेकिन  पुलिस ने इस गुत्थी को सुलझा लिया है, इसके लिए पुलिस को साइकोलॉजिकल अटोप्सी की मदद लेनी पड़ी, साइकोलॉजिकल एनालिसिस की रिपोर्ट में सामे आया है कि यह न हत्या थी न आत्महत्या, बल्कि ये एक भयावह हादसा था, जो पुरे परिवार को लील गया. अधिकतर लोग ये मानने को तैयार नहीं थे कि एक ही घर के 11लोग एक साथ ऐसे खुदकुशी भी कर सकते हैं।

दरअसल, राजस्थान के रहने वाले भोपाल सिंह, नारायणी देवी से शादी करके हरियाणा के बाद दिल्ली आ बसे थे, लेकिन दिल्ली आने के 13 साल बाद भोपाल सिंह की अचानक मौत हो गई, इसका सबसे ज्यादा सदमा उनके छोटे बेटे ललित को लगा. कुछ समय बाद एक हादसे में ललित की आवाज़ भी चले गई. इसके बाद ललित दावे करने लगा कि उसे उसके पिता दिखाई देते हैं, यहाँ तक कि वो ये भी बताता था कि वो अपने पिता से बात करता है. ये सब ललित लिखकर बताता था.

पुलिस को बुराड़ी के घर में मिले रजिस्टर में लिखा था कि “आखिरी समय पर झटका लगेगा, आसमान हिलेगा, धरती हिलेगी.. लेकिन तुम घबराना मत, मंत्र जाप तेज़ कर देना, मैं तुम्हे बचा लूंगा… जब पानी का रंग बदलेगा तब नीचे उतर जाना, एक दूसरे की नीचे उतरने में मदद करना… तुम मरोगे नहीं, बल्कि कुछ बड़ा हासिल करोगे.” यह ललित ने ही लिखा था और उसने दावा किया था कि ऐसा करने के लिए उसके पिता ने उसे कहा है, इसी आस में सभी लोगों ने फांसी का फंदा अपने गले में डाल लिया, लेकिन उन्हें बचाने कोई नहीं आया और पूरा परिवार मौत के मुँह में समां गया. साइकोलॉजिकल एनालिसिस में बताया गया है कि ऐसी कोई आवाज़ थी ही नहीं, वो तो ललित का वहम था, ललित को एक बीमारी के कारण ऐसा प्रतीत होता था कि उसे अपने पिता की आवाज़ सुनाई दे रही है.

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