फैजाबाद व इलाहाबाद मंडलों के नाम बदले, कैबिनेट ने लगाई नए नामों पर मुहर

लखनऊ । उप्र कैबिनेट की बैठक में नौ बिन्दुओं को मंजूरी देने के साथ ही अयोध्या और प्रयागराज मंडल का नाम भी होना तय हो गया। अब फैजाबाद मंडल को अयोध्या मंडल एवं इलाहाबाद मंडल को प्रयागराज मंडल के रूप में पहचाना जाएगा। 

सीएम योगी आदित्यनाथ
मंगलवार को उप्र कैबिनेट के अहम फैसलों के बारे में कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि कैबिनेट ने फैजाबाद और इलाहाबाद मंडलों के नाम बदलकर क्रमशः अयोध्या और प्रयागराज किये जाने को मंजूरी दे दी है। इसमें दोनों ही मंडलों में जिलों के नाम बदलने पर भी विचार हो रहा है।
उन्होंने कहा कि वाराणसी जिले में श्रीकाशी विश्व​नाथ मंदिर कोरिडोर के लिए 413 करोड़ रुपये की जरूरत है। कैबिनेट ने इसके लिए लगभग 190 करोड़ की धनराशि मंजूर की है। कार्य की​ स्थिति के बाद आगे और विचार होगा। उन्होंने कहा कि अभी कुल नौ बिन्दुओं पर कैबिनेट की बैठक में मुहर लगी है। इसके अलावा महत्वपूर्ण फैसलों में प्रदेश के 18 मंडलों में वित्त विहीन विद्यालयों के एक-एक अध्यापकों को अटल बिहारी वाजपेयी पुरस्कार व 25-25 हजार धनराशि दिये जाने पर भी मंजूरी हो गयी है।
उन्होंने कहा कि लखनऊ मेट्रो को फैजाबाद रोड पर पालीटेक्निक की 48.03 वर्गमीटर जमीन देने का फैसला लिया गया है। इसी तरह से नये मेडिकल कॉलेजों को सोसाइटी मोड पर चलाया जाएगा, जिसमें संचालन समिति बनेगी और इसके अध्यक्ष चिकित्सा शिक्षा मंत्री होंगे। उन्होंने कहा कि अपराह्न ढाई बजे नीति आयोग के साथ बैठक होगी और इसके बाद कुछ और अहम फैसले की घोषणा हो सकती है। 

पेंडिंग में कई नाम

केंद्र सरकार ने पिछले एक साल में कम से कम 25 शहरों और गांवों के नाम बदलने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी है, जबकि नाम बदलने के कई प्रस्ताव उसके पास लंबित हैं. इनमें पश्चिम बंगाल का नाम बदला जाना भी शामिल है. जिन इलाकों के नाम बदले गए हैं उस लिस्ट में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद और फैजाबाद ताजातरीन इजाफा है.

कई प्रस्तावों को केंद्र सरकार की इजाजत का इंतजार है. इनमें पश्चिम बंगाल का नाम ‘बांग्ला’ करने का भी प्रस्ताव भी शामिल है. यह प्रक्रिया काफी लंबी है और इसमें कई केंद्रीय मंत्रालय और विभाग भी शामिल होते हैं. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एजेंसी भाषा को बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले एक साल में देश के कई हिस्सों में 25 शहरों और गांवों के नाम बदलने के प्रस्तावों को सहमति दी है.

इलाहाबाद का नाम बदलने पर सरकार एवं अन्य पक्षकारों से जवाब तलब

 उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ ने इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज किये जाने के मामले में जनहित याचिका पर राज्य सरकार सहित अन्य पक्षकारों से जवाब मांगा है ।
न्यायमूर्ति विक्रमनाथ एवं न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सोमवार को यह आदेश दिये ।
दायर जनहित याचिका में राज्य सरकार द्वारा इलाहाबाद जिले का नाम बदलकर प्रयागराज किये जाने को चुनौती दी है । कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को निरस्त किया जाए।
राज्य सरकार की ओर से अपर महाअधिवक्ता विनोद कुमार शाही उपस्थित हुए । अदालत ने अगली सुनवाई 19 नवंबर को नियत की है ।

सिंह ने बताया कि राज्य में 19 हजार 275 गैर सहायता प्राप्त सेकेण्डरी कालेज है। इस सम्मान के हकदार वह ही अध्यापक होंगे जिन्होने 15 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया हो जबकि प्रधानाचार्य के लिये यह सीमा 20 साल होगी।
मंत्रिमंडल ने जस्टिस राजमणि चौहान कमेटी की उस रिपोर्ट को भी अपनी मंजूरी दे दी जिसने 15 अक्टूबर 2016 को वाराणसी में जय गुरूदेव सत्संग में भगदड़ की जांच की थी। काटेशर दोरारी गांव में आयोजित सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 25 लोगों की जान गयी थी।
सरकार ने राज्य के मेडिकल कालेजों में सहायक प्रोफेसर के नये पद सृजित कर उन्हे प्रवक्ता पद पर समायोजित करने संबंधी संशोधित नियम को मंजूरी दे दी। अब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग सहायक प्रोफेसर की सीधी भर्ती करेगा।
उन्होने बताया कि सरकार ने इलाहाबाद और फैजाबाद मंडल का नाम परिवर्तन कर प्रयागराज और अयोध्या करने पर अपनी मुहर लगा दी। इन मंडलों के अंर्तगत आने वाले जिलों के नाम यथावत रहेंगे। इससे पहले सरकार ने इलाहाबाद जिले का नाम प्रयागराज और फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या किया था।

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