CBI कोर्ट का निठारी कांड में ऐतिहासिक फैसला, “जल्लाद कोली” को सजा-ए-मौत 

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-सीबीआई कोर्ट ने लगाया एक लाख 10हजार का जुर्माना भी लगाया 

गाजियाबाद। निठारी नरकंकाल कांड के एक ओर मामले.में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश  अमितवीर सिंह नेशनिवार को  मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई है और एक  लाख 10हजार रूपये का आर्थिक दंड भी ठोका है। अदालत ने शुक्रवार को  इस मामले की सुनवाई के बाद कोहली को एक किशोरी का अपहरण दुष्कर्म का प्रयास हत्या करने व उसका मांस पकाकर खाने के मामले में दोषी करार दिया था और सजा पर बहस के  लिए अदालत ने सजा पर बहस के लिए आज की तारीख निश्चित की थी। अभी तक निठारी कांड के दस मामलों में सीबीआई कोर्ट दस मामलों में सजा सुना चुकी है जिसमें नौ में कोली को फांसी की सजा सुना चुकी है। दसवें मामले में भी आज कोली को फांसी की  सजा सुनाई गयी हालांकि एक मामले में हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए उम्र कैद में परिवर्तित कर दिया था।  अदालत ने शनिवार को अपराह्न पौने तीन बजे अपना फैसला सुनाया ।

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अभियोजन पक्ष के मुताबिक इस मामले में सीबीआई ने नौ अप्रैल 2008 को चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा था कि सुरेंद्र कोली ने नोएडा के सेक्टर 31 स्थित डी-5 कोठी के सामने से 15 मार्च 2005 को इस किशोरी का अपहरण किया था और उसके साथ दुराचार करने का प्रयास किया था। इतना ही नहीं उसने किशोरी के शव को क्षत-विक्षत कर दिया था और उसकी चेस्ट का मास पकाकर खाया था। अदालत में मामले की सुनवाई कुल 271 दिन सीबीआई कोर्ट में चली। शनिवार को कोहली कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अदालत में पेश किया गया। जहां उसे सजा पर बहस हुई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनाई।

निठारी पर मामले पर एक नजर

निठारी कांड मई 2005 में सुर्खियों में Bआया था और उस इस घटना ने पूरे देशको झकझोर के रख दिया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई जांच के
आदेश दिए गए थे। सीबीआई ने पूरे मामले की जांच के बाद कुल 19 मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें दो में सीबीआई ने अदालत में अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी जबकि 17 में अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। किशोरी का मामला उन्हीं में से एक था। इस मामले में अभी तक सीबीआई कोर्ट कुल दस
मामलों में सुजा सुना चुकी है। जिसमें  कोली को अब तक 10मामलों में फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। एक मामले में कोली के साथ डी -5 कोठी के मालिक मनेंद्र सिंह पंधेर को भी फांसी की सजा सुनाई थी लेकिन हाईकोर्ट ने इसे उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। इन सभी मामलों में सीबीआई की ओर से वरिष्ठ लोकअभियोजकजेपी शर्मा ने पैरवी की।