जल्द फैसला ले सकते हैं CM Yogi, जानें कब हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार

लखनऊ
केंद्र सरकार के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी मंत्रिमंडल विस्तार होना लगभग तय हो गया है। रविवार को बीजेपी और संघ के साथ हुई बैठक में विस्तार और नामों को शामिल करने को हरी झंडी मिल गई है। इसके बाद सोमवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और संगठन महामंत्री सुनील बंसल दिल्ली पहुंच गए।

यूपी में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले मंत्रिमंडल के इस विस्तार को अहम माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि विस्तार में 5-7 नए नाम शामिल किए जा सकते हैं। इसी महीने होने वाले विस्तार की तारीख की घोषणा सीएम योगी आदित्यनाथ से चर्चा के बाद की जाएगी। यह योगी सरकार कैबिनेट का तीसरा विस्तार होगा।

नहीं हटाया जाएगा कोई मंत्री
सूत्रों का कहना है कि संघ ने बीजेपी को सलाह दी है कि मौजूदा कैबिनेट से कोई भी मंत्री नहीं हटाया जाएगा। इससे फायदा होने की जगह नुकसान हो सकता है। यूपी बीजेपी ने यह सलाह मान ली है। रविवार को संघ की आनुषांगिक संगठनों की बैठक के बाद सीएम, स्वतंत्र देव सिंह, सुनील बंसल और दोनों डिप्टी सीएम संघ के सरकार्यवाह दत्रात्रेय होसबोले के साथ बैठे थे। उसमें मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सहमति बनी।

बैठक से लौटने के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, संगठन महामंत्री सुनील बंसल के साथ मंथन किया। कुछ नामों पर चर्चा भी की गई। यूपी संगठन ने संभावित दस नामों की सूची तैयार करके सोमवार को दिल्ली में जेपी नड्डा और बीएल संतोष के साथ बैठक की। सूची में से 5-7 नाम फाइनल कर लिए गए हैं।  छांटे हुए नामों पर उनसे भी राय ली जाएगी।

जातीय गणित पर होगा विशेष फोकस
सूत्रों का कहना है कि संघ की राय के बाद बीजेपी ने अपनी जो सूची तैयार की है, उसमें जातीय गणित पर विशेष ध्यान दिया है। मौजूदा समय यूपी कैबिनेट में सीएम के अलावा 22 कैबिनेट मं‌त्री, 9 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 21 राज्यमंत्री यानी कुल 53 लोग हैं। कैबिनेट में 60 लोग शामिल हो सकते हैं। इस वजह से अधिकतम सात नए मं‌त्रियों को शामिल किया जा सकता है। नए मंत्रियों को शामिल करते वक्त यह देखा जाएगा कि कैबिनेट में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बना रहे। कैबिनेट में दलित, पिछड़ा वर्ग के साथ ब्राह्मणों को भी प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना है।

नामित एमएलसी के नामों पर भी मंथन
सोमवार को दिल्ली में नामित एमएलसी के नामों पर भी मंथन हुआ। यूपी बीजेपी चार नाम छांटकर ले गई थी। इस सूची को भी मंगलवार को फाइनल किया जाएगा। इनमें हाल ही में बीजेपी में आए एक कद्दावर नेता के अलावा सहयोगी दलों को भी साधने पर विचार होगा। इनमें निषाद पार्टी का नाम आगे है। हालांकि, बीजेपी संगठन का जोर इस बात पर है कि मूल संगठन के लोगों को इस सूची में शामिल करने पर तरजीह दी जाए।

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