मुसीबत में कांग्रेस : सोनिया-राहुल गांधी को ED ने भेजा समन, जानिए क्या है मामला

प्रवर्तन निदेशालय (ED) कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को समन भेजा। ED ने मनी लॉन्ड्रिंग केस (अंडर सेक्शन 50 एक्ट) में दोनों से 8 जून को पूछताछ में शामिल होने के लिए कहा है। कांग्रेस ने बताया कि सोनिया गांधी पूछताछ में शामिल होंगी। अगर, राहुल दिल्ली में रहे, तो वे भी पूछताछ में जाएंगे।

हेराल्ड केस में दोनों नेताओं को शामिल होने की मिली नोटिस

एजेंसी ने नेशनल हेराल्ड केस की जांच में दोनों नेताओं को शामिल होने को कहा है। इस केस में ED ने कांग्रेस के 2 बड़े नेता पवन बंसल वह मल्लिकार्जुन खड़गे को बीते 12 अप्रैल को जांच में शामिल किया था। 2014 में सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया और राहुल के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इसमें स्वामी ने गांधी परिवार पर 55 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप लगाया था।

कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर बोला हमला

कांग्रेस ने नोटिस जारी होने पर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि तानाशाह सरकार डर गई है, इसलिए बदले की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार बदले की भावना में अंधी हो गई है। नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल को ED का समन भेजा है। वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मनगढ़ंत आरोप है और प्रतिशोध की भावना है। इस केस में ED को कुछ नहीं मिलेगा। राहुल गांधी बाहर हैं, उनके लिए समय मांगेंगे। जानिए ये…

यह केस पिछले 7-8 सालों से चल रहा है और इसमें अब तक एजेंसी को कुछ नहीं मिला है।

कंपनी को मजबूत करने के लिए और ऋण खत्म करने की वजह से इक्विटी में परिवर्तन किया गया।

इस इक्विटी से जो पैसा आया, वो मजदूरों को दिया गया और इसे पूरी पारदर्शिता के साथ किया गया।

7 साल बाद लोगों का ध्यान मोड़ने के लिए यह समन भेजा गया है। देश की जनता सब कुछ समझती है।

ED, CBI और इनकम टैक्स का दुरपयोग कर विपक्षी पार्टियों को डराया जा रहा है

सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने पार्टी फंड से राहुल और सोनिया को 90 करोड़ रुपए दिए थे। इसका मकदस एसोसिएट जर्नल्स की 2 हजार करोड़ की संपत्ति हासिल करना था। इसके लिए गांधी परिवार ने महज 50 लाख रुपए की मामूली रकम दी थी।

विस्तार से समझिए

1938 में कांग्रेस पार्टी ने एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (AJL) बनाई थी। इसी के तहत नेशनल हेराल्ड अखबार निकाला जाता था। AJL पर 90 करोड़ से ज्यादा का कर्ज था और इसी को खत्म करने के लिए एक और कंपनी बनाई गई। जिसका नाम था यंग इंडिया लिमिटेड।

इसमें राहुल और सोनिया की हिस्सेदारी 38-38% थी। यंग इंडिया को AJL के 9 करोड़ शेयर दिए गए। कहा गया कि इसके एवज में यंग इंडिया AJL की देनदारियां चुकाएगी, लेकिन शेयर की हिस्सेदारी ज्यादा होने की वजह से यंग इंडिया को मालिकाना हक मिला। AJL की देनदारियां चुकाने के लिए कांग्रेस ने जो 90 करोड़ का लोन दिया था, वह भी बाद में माफ कर दिया गया।

जानिए कब क्या हुआ

1 नवंबर 2012 को दिल्ली कोर्ट में सुब्रमण्यम स्वामी ने केस दर्ज कराया, जिसमें सोनिया-राहुल के अलावा मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा आरोपी बनाए गए।

26 जून 2014 को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने सोनिया-राहुल समेत सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया।

1 अगस्त 2014 के ED ने इस मामले में संज्ञान लिया और मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया।
मई 2019 में इस केस से जुड़े 64 करोड़ की संपत्ति को ED ने जब्त किया।

19 दिसंबर 2015 को इस केस में सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को दिल्ली पटियाला कोर्ट ने जमानत दे दी।

9 सितंबर 2018 को दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में सोनिया और राहुल को करारा झटका दिया था। कोर्ट ने आयकर विभाग के नोटिस के खिलाफ याचिका खारिज कर दी थी।

कांग्रेस ने इसे सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी, लेकिन 4 दिसंबर 2018 को कोर्ट ने कहा कि आयकर की जांच जारी रहेगी। हालांकि, अगली सुनवाई तक कोई आदेश नहीं पारित होगा।

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