गोरखपुर में 1.20 करोड की लागत से बनेगा गो-संरक्षण केंद्र

गोपाल त्रिपाठी
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गो-संरक्षण अभियान को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। अपने गृह जनपद गोरखपुर सहित प्रदेश के 68 जिले में उन्होंने गो-संरक्षण केंद्र खोले जाने का फरमान जारी किया है। प्रत्येक जनपद में गो-संरक्षण केंद्र खोलने के लिए 1.20 करोड रूपया अवमुक्त भी कर लिया गया है। गोरखपुर जनपद के गोला ब्लाक में जमीन भी चिन्हित कर ली गई है।
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प्रदेश सरकार का फरमान जारी होने के बाद जिला पशु चिकित्साधिकारी कार्यालय ने जमीन के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा था। जिसके बाद डीएम ने जनपद के सभी उपजिलाधिकारियों को गो-संरक्षण केंद्र बनाए जाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। जिसमें गोला के उपजिलाधिकारी ने ककरही ग्राम पंचायत के गाजेगडहा गांव में पांच एकड जमीन उपलब्ध होने की सूचना डीएम को दी। इसके बाद ग्राम पंचायत ने भी पांच एकड जमीन निःशुल्क वृहद गो-संरक्षण केंद्र को देने का प्रस्ताव भेज दिया। अब एसडीएम गोला कार्यालय से इस बावत एक पत्र जिलाधिकारी कार्यालय के जरिए अग्रिम कार्रवाई के लिए जिला राजस्व अधिकारी के कार्यालय को प्रेषित कर दिया गया है।
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पांच एकड जमीन में मिलेगी ये सुविधाएं
  • वृहद गो-संरक्षण केंद्र की स्थापना के लिए मानक निर्धारित किया गया है।
  • चैदह हजार वर्ग फीट में अलग-अलग चार शेड, दो हजार वर्ग फीट में दो भूसा गोदाम, तीन सौ वर्ग फीट में कार्यालय, औषधि कक्ष व स्टोर, 11 सौ वर्ग फीट में छह कर्मचारी आवास, शौचालय व स्नानघर, आठ सौ वर्ग फीट में चारा पानी की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी।
  • इसके अलावा 54 सौ वर्ग फीट में शेडों के बाहर खुले क्षेत्र में कुछ चरनियां की व्यवस्थ्ज्ञा की जाएगी। ताकि बाद में जरूरत पडने पर शेड बनाया जा सके।
  • इसके लिए पंप हाउस का भी निर्माण होगा। इसमें उपयुक्त क्षमता का पंप, सोलर, वाटर पंप स्थापित किया जाएगा। दस हजार लीटर क्षमता वाली पानी टंकी भी स्थापित होगी।
  • चहारदीवारी व शेडों को अलग अलग करने के लिए बाड भी बनाया जाएगा।
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अन्य मदों से भी होगी धनराशि की व्यवस्था
  • सरकार की योजना के अनुसार वृहद गो-संरक्षण केंद्र का निर्माण कार्य उपलब्ध धनराशि से पूरा कराने और आगे संचलन की जिम्मेदारी जिलाधिकारी की होगी।
  • यदि उपयुक्त धनराशि के अलावा अतिरिक्त धन की जरूरत होगी तो इसकी व्यवसथा मनरेगा, ग्राम पंचायत संचित निधि, वित्त आयोग, खनिज विकास निधि, रायफल निधि, जिला पंचायत निधि, क्षेत्र पंचायत निधि, सांसद क्षेत्र विकास निधि, विधायक क्षेत्र विकास निधि से कराई जाएगी।

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