निर्भया के दोनों दोषियों की क्यूरेटिव याचिका खारिज, फांसी का रास्ता साफ

सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले के दो दोषियों की क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने बंद कमरे में सुनवाई करते हुए ये याचिका खारिज की। इस फैसले के बाद अब दोषियों की फांसी का रास्ता साफ हो गया है। विनय और मुकेश ने क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी।

इस बेंच में जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण शामिल थे। इससे पहले 7 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप और हत्या के चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर दिया है। कोर्ट ने चारों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी देने का आदेश दिया है।

मौत का फरमान जारी होने के बाद कैदी विनय की उड़ी नींद

मौत का फरमान जारी होने के बाद तिहाड़ जेल संख्या-4 में बंद विनय बेचैन है। उसकी नींद उड़ी हुई है और वह अक्सर अपने बैरेक में चहलकदमी करता रहता है। उसकी हालत देख कर जेल अधिकारी लगातार उसका काउंसलिंग करवा रहे है। जेल अधिकारियों का कहना है कि वो थोड़ा बेचैन है लेकिन जेल में उसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

जेल सूत्रों का कहना है कि विनय निर्भया मामले के तीन अन्य दोषियों से अलग जेल नंबर चार के कसूरी सेल में बंद है। उसके पास किसी भी अन्य कैदी को जाने की अनुमति नहीं है। ऐसे में मौत की तारीख नजदीक आने के साथ ही उसकी बेचैनी बढ़ गई है। वो जेल कर्मियों से कम ही बात करता है। उसे नींद भी कम आ रही है। सूत्रों का कहना है कि वो अक्सर कुछ ना कुछ सोचता रहता है। रात में भी वह अपने सेल में चहलकदमी करने लगता है। उसकी बेचैनी को देखकर जेल अधिकारी उसपर विशेष नजर रख रहे हैं। जेल के अधिकारियों का कहना है कि उसपर 24 घंटे सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जा रही है और सुबह शाम उसकी मेडिकल जांच की जा रही है।

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