
मरीज को अस्पताल पहुचाते समय अक्सर जंगल में बिगड़ जाती है एम्बुलेंस
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से मरीजों के जान का खतरा
मोतीपुर/बहराइच l जिला मुख्यालय से 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कतर्नियाघाट / सुजौली क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ है । सुजौली क्षेत्र अंतर्गत दो न्याय पंचायत आम्बा और कारीकोट के दो दर्जन से अधिक ग्रामसभा की ग्रामीण जनता के लिए सुजौली क्षेत्र में दो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आम्बा और सुजौली है । सुजौली और आम्बा अस्पताल पर दो एम्बुलेंस है जो इमरजेंसी केस अस्पताल तक ले जाते हैं जिनमे आम्बा की एम्बुलेंस से सीरियस केसेज को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मोतीपुर के लिए रेफर किया जाता है । आम्बा क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या के कारण यहां की एम्बुलेंस को सुजौली अस्पताल पर रखा जाता है । ऐसे में स्थिति यह है कि पिछले कई माह से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आम्बा के एम्बुलेंस सेवा 108 काफी ज़र्ज़र हालत में है एम्बुलेंस के सारे पार्ट पुर्जे हिल रहे हैं । दरवाजे भी भगवान भरोसे है । जबकि इसी हालत में इसी एम्बुलेंस से सुजौली से मोतीपुर के लिए मरीजों को रेफर किया जाता है । ऐसे में बिछिया और मोतीपुर के बीच 40 किलोमीटर का जंगल काफी घना होने के कारण एम्बुलेंस बिगड़ जाए तो मरीज की जान को खतरा हो सकता है । पिछले माह एक मरीज को इसी एम्बुलेंस से मोतीपुर स्वास्थ्य केन्द्र ले जाया जा रहा था तभी मुर्तिहा के निकट बीच जंगल में एम्बुलेंस बिगड़ गई थी करीब एक हफ्ते तक जंगल में ही बिगड़ी हालत में खड़ी थी । स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही से कभी भी किसी मरीज की जान को खतरा हो सकता है । एम्बुलेंस कर्मचारियों का कहना है कि कई बार उच्चाधिकारियों को एम्बुलेंस की स्थिति से अवगत कराया गया है लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही है ।