बेटियां बनी इंस्पिरेशन : मोबाइल सिम बेचकर पिता ने पढ़ाया, बेटी ने 12वीं कक्षा में किया टॉप

स्कूल एजुकेशन में नए रिकॉर्ड बना रही बेटियां सभी के लिए इंस्पिरेशन हैं। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 12वीं के साइंस और कॉमर्स के रिजल्ट में बेटियां अव्वल रहीं। साधारण परिवारों की ऐसी ही कुछ होनहार बेटियों ने लगातार संघर्ष और मेहनत से 98% तक मार्क्स हासिल किए।

मोबाइल सिम बेचकर पिता चलाते घर-परिवार

12th साइंस में 98% मार्क्स हासिल करने वाली तनीषा जांगिड़ ने कहा कि मैंने शुरुआत से ही क्वालिटी स्टडी पर ध्यान दिया। 11th के एग्जाम होने के साथ ही साथ ही मैंने 12वीं की तैयारी शुरू कर दी थी। 12th स्टार्ट होने के साथ ही कोरोना के कारण स्कूल बंद हो गए। तब तक मेरे पास मोबाइल नहीं था।

पिता मोबाइल सिम बेचने का काम करते हैं, लेकिन कोरोना में कारोबार ठप हो गया। परिवार के आर्थिक हालत अच्छे नहीं थे। बावजूद इसके ऑनलाइन स्टडी के लिए पापा ने मुझे नया फोन लाकर दिया। स्कूल टॉप करने वाली तनीषा जांगिड़ बताती हैं, ऑनलाइन स्टडी का काफी सपोर्ट मिला।

तनिषा का कहना है कि वह साइंस से ग्रेजुएशन कर यूपीएससी की तैयारी करना चाहती है। ताकि IAS अधिकारी बन अपने मां-बाप का नाम रोशन कर सकूं।

मोबाइल से दूरी बना टाइम मैनेजमेंट किया तैयार

12th साइंस स्ट्रीम में 97.60% मार्क्स हासिल करने वाली समीक्षा सैनी ने बताया कि सिर्फ पढ़ने से ही अच्छे परसेंटेज नहीं आते हैं। मैंने शुरू से ही सब्जेक्ट वाइज टाइम मैनेजमेंट किया था। उसी का नतीजा है कि मैं 97% मार्क्स को क्रॉस कर पाई हूं।

समीक्षा ने बताया कि कोरोना के बाद जब स्कूल बंद हो गए तब काफी परेशानी आई थी। उस वक्त टीचर्स ने ऑनलाइन और ऑफलाइन मेरी सभी प्रॉब्लम को सॉल्व किया गया। वहीं मम्मी और पापा ने मुझे हमेशा मोटिवेट किया।

समीक्षा ने बताया कि उन्होंने पिछले 1 साल से सोशल मीडिया से दूरी बना रखी है। समीक्षा भी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की अधिकारी बनना चाहती हैं।

म्यूजिक सुनकर स्ट्रेस को किया दूर

जयपुर की महेश नगर में रहने वाली तनीषा आशावत ने 12th साइंस स्ट्रीम में 97.20% मार्क्स हासिल किए हैं। उन्होंने बताया कि मैं हर दिन स्कूल में पढ़ाए हुए कोर्स को घर आकर रिपीट करती थी। अगर मुझे उसमें कोई प्रॉब्लम आती तो अगले दिन फिर से टीचर से पूछती थी।

इसके साथ ही मैंने रेफरेंस बुक की बजाय एनसीईआरटी की बुक्स को ही पढ़ा। ताकि कोई कंफ्यूजन क्रिएट ना हो। उन्होंने बताया कि पेरेंट्स ने मुझे पूरा सपोर्ट किया।

हमेशा विश्वास दिलाया कि जरूरी नहीं कि तुम 98% मार्क्स लेकर आओ। तुम कम परसेंटेज लाओगे तो भी हमारे लिए तुम सबसे अच्छी हो। इस दौरान में कई बार परेशान हो जाती थी तब अपनी परेशानी को दूर करने के लिए मैं म्यूजिक सुनती, जिससे मुझे काफी रिलैक्स फील होता था।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें