पुलवामा हमले पर पर बोले दिग्विजय, ‘सिद्धू जी अपने पाकिस्तान दोस्त को समझाएं’

नई दिल्ली:  कश्मीर के  पुलवामा में हुए आतंकी हमले से पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश है. हर जगह पाक के खिलाफ नारेबाजी भी हो रही है. इस बीच  कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू अपने एक बयान की वजह से सोशल मीडिया पर ट्रोल हुए. बताते चले  इस मामले को लेकर  मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ दिग्गज  नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर उन्हें सिद्धू को  पाकिस्तानी पीएम इमरान खान को समझाने की सलाह दी है.

दिग्विजय सिंह ने कहा- सिद्धू जी अपने दोस्त इमरान भाई को समझाइए… उसकी वजह से आपको गाली पड़ रही है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा- पाकिस्तान के सम्मानित प्रधानमंत्री हौसला दिखाइए और आतंकी हाफिज सईद तथा मसूद अजहर को भारत के हवाले करिए. इससे आप न केवल पाकिस्तान को वित्तीय संकट से बाहर निकालेंगे बल्कि नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में भी सबसे आगे होंगे.

सिलिसिलेवार ट्वीट में दिग्विजय ने बेबाक तरीके से अपनी राय रखी। अपने बयानों के कारण अक्सर ही आलोचकों के निशाने पर रहने वाले कांग्रेस नेता ने इमरान खान को भी चुनौती दे डाली।

उन्होंने ट्वीट किया

पाकिस्तान के श्रीमान प्रधानमंत्री कमऑन! कुछ साहस दिखाइए और हाफिज सईद और मसूद अजहजर आतंक के स्वघोषित सरगनाओं को भारत को सौंपिए। आप ऐसा कर न सिर्फ पाकिस्तान को आर्थिक संकट से निकालने में सक्षम होंगे, बल्कि नोबेल शांति पुरस्कार के भी प्रबल दावेदार बन जाएंगे।’

इसके बाद दिग्विजय ने दो और ट्वीट में अपनी ही पार्टी के नेता नवजोत सिंह सिद्धू को ताना दिया। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘नवजोत सिंह सिद्धू जी अपने दोस्त इमरान भाई को समझाएं।’ दूसरे ट्वीट में फिर उन्होंने कहा,’उसकी वजह से आपको गाली पड़ रही है।’ बता दें कि पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान पर दिए बयान के कारण सिद्धू की काफी आलोचना भी हो रही है और उनकी टीवी शो से भी चैनल ने छुट्टी कर दी है।

दिग्विजय सिंह प्रधानमंत्री मोदी और आरएसएस के कठोर आलोचक माने जाते हैं। इस बार भी अपनी ट्वीट की सीरीज में उन्होंने मोदी के समर्थकों पर निशाना साधा। ट्वीट में दिग्विजय ने लिखा, ‘मुझे पता है कि मोदी भक्त ट्रोल करेंगे, लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है। इमरान खान को एक क्रिकेटर के तौर पर मैं पसंद करता हूं, लेकिन मुस्लिम कट्टरपंथियों और आईएसआई समर्थित गुटों का समर्थन कर रहे हैं। मैं इस पर यकीन नहीं कर पा रहा हूं।’

दिग्विजय सिंह ने कश्मीर के छात्रों और स्थानीय नागरिकों को उत्पीड़ित नहीं करने की अपील करते हुए कहा, ‘एक भारतीय के तौर पर क्या हम कश्मीरी छात्रों और कश्मीरी व्यापारियों को पूरे देश में परेशान करना नहीं छोड़ सकते हैं? क्या हम ऐसा कश्मीर चाहते हैं जिसमें कश्मीरी ही न हों? एक राष्ट्र के तौर पर हमें अपना विकल्प चुनना ही होगा।’

 

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