शिकायत डिफॉल्टर होने पर जिला अधिकारी ने 18 अधिकारियों को लगाई फटकार

तीन दिन में डिफॉल्टर शिकायतों का निस्तारण करें अधिकारी – जिला अधिकारी पुलकित खरे

भास्कर समाचार सेवा

मथुरा। राजस्व प्रशासन, चकबंदी, खाद्य एवं औषधि प्रशासन व कलेक्ट्रेट पटलों एवं राजस्व वादों के संबंध में गुरुवार को जिला अधिकारी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा की गई। जिसमें जिला अधिकारी पुलकित खरे ने लंबित राजस्व वादों का शीघ्र सुनवाई करके निस्तारण करने के आदेश दिए। इसके साथ ही कुछ तहसीलों में लक्ष्य के अनुरूप वादों का निस्तारण न किये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुये तत्काल लक्ष्य निर्धारित करने के कहा है। स्टांप वाद, राजस्व संहिता के अविवादित विरासत, अविवादित दाखिल खारिज, तालाब, आवासीय भूमि, कृषि भूमि, वृक्षारोपण आदि का आवंटन, चकमार्ग तथा सार्वजनिक उपयोग की भूमि में अतिक्रमण हटाए जाने के निर्देश किए हैं। जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि न्यायालय से संबंधित पुराने वादों की सूची बनाकर शीघ्र निस्तारण कराएं । जिलाधिकारी ने चकबंदी, व्यापार कर, विद्युत देय, आबकारी, औद्योगिक ऋण, बाट माप, बैंक देय, परिवहन, मंडी समिति, वन विभाग, स्टाम्प, नगर पालिका, आडिट आपत्ति, अंश निर्धारण, आईजीआरएस, मोटर देय, सिचाई और काउंडर फाईल के सम्बन्ध में विस्तारपूर्वक समीक्षा की l जिसमें समस्त उप जिलाधिकारियों, तहसीलदारों एवं अन्य संबंधित राजस्व अधिकारियों राजस्व कार्यों में सभी अधिकारियों द्वारा सरकार की मंशा के अनुरूप चलाए जा रहे प्रत्येक कार्यक्रम में तत्परता दिखाते हुए कार्यों का संपादन किया जाना सुनिश्चित करें ताकि सरकार की राजस्व योजनाओं का लाभ जन सामान्य को आसानी के साथ प्राप्त होने के निर्देश दिए। मंडी समिति छाता, मथुरा तथा बांट माफ अधिकारी आंकड़े न बताने पर फटकार लगाई और कहा कि अपने कार्यों में सुधार लाएं। पूर्व में भी जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि आई.जी.आर.एस के अन्तर्गत ऑनलाइन मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से आने वाली शिकायतों को गंभीरता से लें। शिकायतों को संज्ञान में लेकर मामलों की जांच करवा कर कार्यवाही करें। डिफाल्टर श्रेणी में आने से पहले शिकायतों को समय से पहले सुनकर उनका निस्तारण कराएं। यदि कोई डिफाल्टर है तो उन लंबित व डिफाल्टर प्रकरणों पर तत्काल आख्या पर कार्यवाही करें। साथ ही बैठक में अधिकारियों को चेतावनी दी कि मुख्यमंत्री पोर्टल पर आई शिकायतों को गंभीरता से न लेने पर अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उनका वेतन रोका जाएगा एवं दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। इसके साथ ही तहसील दिवस के दिन आई शिकायतों को एक हफ्ते में निपटाने के निर्देश दिए हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी , उप-निदेशक कृषि, मुख्य विकास अधिकारी , नगर आयुक्त नगर निगम, अधिशासी अधिकारी कोसीकलां, उपजिलाधिकारी गोवर्धन, उपजिलाधिकारी मांट, उपायुक्त स्वरोजगार, सचिव मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण, जिला प्रोबेशन अधिकारी, अधीक्षण अभियंता विद्युत शहरी, अधिशासी अभियंता जल निगम, जिला कार्यक्रम अधिकारी , खण्ड विकास अधिकारी चौमुंहा, सहायक विकास अधिकारी पंचायत मथुरा, बाल विकास परियोजना अधिकारी चौमुंहा, पूर्ति निरीक्षक सदर तथा जिला पूर्ति अधिकारी को चेतावनी देते हुए जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के प्राथमिकता वाले आई.जी.आर.एस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों का निस्तारण तीन में गुणवत्तापरक कराएं अन्यथा वेतन के साथ-साथ विभागीय कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीणा, अपर जिलाधिकारी प्रशासन विजय शंकर दूबे, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व योगानन्द पांडेय, डीएफओ रजनीकांत मित्तल, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अजय जैन, सभी उप जिलाधिकारी, डिप्टी कलेक्टर, परिवहन सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी बैठक में मौजूद रहे।

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