जोधपुर । जैसलमेर के रामगढ़ के सरकारी अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही के एक मामले ने लोगों की रूह कंपा दी है। प्रसव के समय बच्चे का सिर धड़ से अलग हो गया। अब यह मामला तूल पकड़ने लगा है। राज्य मानवाधिकार आयोग (एसएचआरसी) ने इसे गंभीर मानते हुए जैसलमेर के एसपी और सीएमएचओ से रिपोर्ट तलब की है। कहा गया है कि एक महीने के अंदर यानि 11 फरवरी तक रिपोर्ट दी जाए।
मामला बुधवार को आया सामने
बड़ी बात यह है कि यह घटना तीन दिन पहले की है और मामला बुधवार को खुला पीड़ित महिला दीक्षाकंवर को इलाज के लिए मंगलवार को जोधपुर रेफर किया गया था। अब उसकी हालत में सुधार है। शहर के उम्मेद अस्पताल में उपचार चल रहा है। हालत सामान्य बताई जा रह है। शायद शनिवार तक छुट्टी दे दी जाएगी, लेकिन राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश टाटिया ने इस घटना को गंभीर बताया है।
क्या है मामला:
दीक्षाकंवर प्रसव के लिए जैसलमेर के रामगढ़ के सरकारी अस्पताल में आई थी। वहां चिकित्साकर्मियों ने प्रसव के दौरान बच्चे के पैर को इतनी जोर से खींचा कि उसके दो हिस्से हो गए। बच्चे का धड़ तो बाहर आ गया, लेकिन सिर अंदर ही रह गया। तब चिकित्साकर्मियों को अपनी गलती का अहसास हुआ। उन्होंने परिजनों को कुछ नहीं बताया और महिला को जैसलमेर के लिए रेफर कर दिया। वहां से महिला को जोधपुर भेज दिया गया। तब इस घटना का खुलासा हुआ। डॉक्टरों के बयान से बढ़ा संसय: रामगढ़ अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डॉ. निखिल शर्मा ने बताया है कि प्रसूता को जब अस्पताल लाया गया था तो उस दौरान वहां मौजूद चिकित्साकर्मी उसे प्रसव के लिए प्रसव कक्ष में ले गए। वहां, देखा कि नवजात के पैर बाहर नजर आ रहे थे और वह मृत था।
डॉ. रविंद्र सांखला ने बताया
यहां पूरी सुविधा न होने के कारण प्रसूता को जैसलमेर रेफर कर दिया गया। जैसलमेर के जवाहर अस्पताल में चिकित्सक डॉ. रविंद्र सांखला को रामगढ़ के अस्पताल से बताया गया कि महिला की डिलीवरी हो गई है, लेकिन आंवल (गर्भनाल या प्लेसेंटा) अंदर रह गई है। रात करीब एक बजे डॉ. सांखला ने गर्भनाल निकालने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें कुछ समझ में नहीं आया तो उन्होंने महिला की तबीयत स्थिर कर दी। उसके बाद अगली सुबह फिर से प्रयास किया गया। तब भी कुछ समझ में नहीं आया।
मंगलवार की रात किया रेफर:
सूत्र बताते हैं कि जोधपुर में महिला को मंगलवार की रात रेफर किया गया था। जोधपुर के उम्मेद अस्पताल में चिकित्सकों ने महिला का प्रसव कराने की कोशिश की तो बच्चे का सिर ही निकला। महिला के परिजनों को कुछ नहीं बताया गया और जैसलमेर रेफर कर दिया गया। इधर गुरुवार को महिला के परिजन भी जोधपुर में मीडिया से दूरी बनाए रहे। संभवत: ऊपरी आदेश के चलते वे मीडिया से कन्नी काटते देखे गए। परिजन सिर लेकर पहुंचे थाना: जोधपुर में डॉक्टरों ने परिवार वालों को बच्चे का सिर सौंप दिया।
इसके बाद वे बच्चे का सिर लेकर एफआईआर दर्ज कराने के लिए रामगढ़ पुलिस थाना पहुंच गए। पुलिस ने वहां के चिकित्साकर्मियों से पूछताछ की तो उन्होंने बच्चे का धड़ लाकर दिया। इसके बाद मामला दर्ज किया गया। इनका कहना है: बच्चे के दोनों हिस्सों का अलग-अलग पोस्टमार्टम करवाया गया है। अनुसंधान किया जा रहा है। इस बारे में लापरवाही का प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान किया जा रहा है।
एसआई जालमसिंह, रामगढ़, जैसलमेर। जच्चे की हालत में सुधार है। बच्चे का सिर बाहर निकालकर परिजन को सौंपा गया है। ऐसी स्थिति में बच्चा उल्टा भी हो सकता है या कमजोर रहा होगा। डॉ. रंजना देसाई, उम्मेद अस्पताल अधीक्षक।