फतेहपुर: सामुदायिक शौचालयों में संचालन के नाम पर लाखों का खेल

अमौली, फतेहपुर । जहां एक ओर सरकार स्वच्छ भारत मिशन चलाकर सामुदायिक शौचालय प्रयोग करने को लेकर गांव में जन-जन को जागरुक कर रही है। जिसके तहत प्रत्येक ग्राम सभा में सामुदायिक शौचालय बनाये गये और हर सामुदायिक शौचालय पर देख-रेख हेतु केयरटेकर के रूप में तैनात सफाई कर्मी के बेतन तथा साफ-सफाई हेतु सामग्री के रूप में प्रत्येक वर्ष लाखों रुपए खर्च किए गये। लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते सरकार द्वारा चलाई गई योजना का लाभ लोगों को आज भी नहीं मिल पा रहा है।

बता दे कि अमौली ब्लॉक मुख्यालय का एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां कस्बे में स्थित सामुदायिक शौचालय का संचालन संतोषी माता महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य को मिला है। महिलाओं ने अमौली ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी विपुल विक्रम सिंह को लिखित शिकायती पत्र देते हुए बताया कि उक्त समूह की एक महिला अनुराधा का चयन सामुदायिक शौचालय में केयरटेकर के रूप में हुआ था जिसको मानदेय के रूप में छः हजार रुपए प्रतिमाह ग्राम सभा द्वारा लगाया जाता है, लेकिन तीन हजार रुपए प्रति माह रख रखाव व सामग्री के लिए मिलने वाली रकम की कोई जानकारी नहीं दी जाती। उनके समूह को करवाये गये कार्य के अनुसार रजिस्टर बिल इत्यादि में चस्पा करना होता है। महिलाओं का आरोप है कि रख रखाव के लिए मिलने वाले तीन हजार रुपए प्रति माह बजट का बंदरबांट किया जा रहा है !

सामुदायिक शौचालयो में संचालन के नाम पर हो रहा बड़ा खेल

सामुदायिक शौचालयो में छः हजार प्रतिमाह केयरटेकर को दिए जाते हैं। शौचालय में साफ सफाई, सामग्री व रखरखाव हेतु तीन हजार प्रतिमाह दिया जाता है। बताते हैं गांवो के अधिकतर शौचालय खुलते ही नहीं, जो खुलते भी हैं वहां भी मनमर्जी है। अधिकतर शौचालयों में संचालन के नाम पर लाखों की लूट चल रही है जिस ओर जिला प्रशासन का ध्यान नहीं है।

इस बाबत एडीओ मुन्नालाल ने बताया कि महिलाओं द्वारा वेतन, रखरखाव व सामग्री को लेकर शिकायत  की गयी है, जाँच की जायेगी।

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