प्रयागराज : सामने आया दिगंबर अखाड़े में लगी भीषण आग का पहला VIDEO…

कुम्भ नगरी  । कुम्भ मेला क्षेत्र के सेक्टर सोलह में दिगम्बर अखाड़े के टेंट में अचानक आग लग जाने से अफरा-तफरी मच गई। आग लगने की सूचना पर अलाधिकारी तथा अग्नि शमन दस्ते की कई गाड़िया मौके पर पहुंच गईं। जानकारी के अनुसार आग पर काबू पा लिया गया है। खबर लिखे जाने तक आग कैसे लगी, इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हो पायी है। आग कैसे लगी, इसका अधिकारी कोई जबाब नहीं दे पा रहें है।

आग लगने की घटना के बाद से ही चारों तरफ धुएं का गुबार छा गया और लोग इधर-उधर भागते हुए नजर आए। आपको बता दें कि कुंभ कल से शुरू होने वाला है। आग कुंभ के सेक्टर 16 इलाके में लगी यहां एलपीजी सिलेंडर में रिसाव हो गया जिस वजह से सिलेंडर फट गया। बचाव और राहत कार्य जारी है। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आग पर काबू पाने की पूरी कोशिश कर रही हैं।  फिलहाल खबर के विस्तृत विवरण की प्रतीक्षा है। वहां मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि अचानक ही दिगंबर अखाड़े के एक टेंट में आग लग गई थी जिससे उनका सामान जलकर खाक हो गया। धीरे-धीरे यह आग पास के टेंटों में भी फैलनी शुरू हो गई।

कुंभ 14 जनवरी 2019 से शुरू हो गया है.

आपको बता दें कि प्रयागराज में कुंभ 14 जनवरी 2019 से शुरू होकर मार्च 2019 (शिवरात्रि) तक चलेगा। 14 को रात्रि में तथा 15 जनवरी को उदय तिथि पड़ने के कारण मकर संक्रांति 15 को ही मनाई जानी चाहिए। मकर संक्रांति का पुण्य काल 15 जनवरी प्रातःकाल से सूर्यास्त तक रहेगी। पूरे दिन पर्व का शुभ मुहूर्त है। इसी दिन प्रथम शाही स्नान रहेगा।

प्रथम शाही स्नान प्रयाग राज में पूरी श्रद्धा से मनाई जाती है। प्रातः से ही स्नान प्रारम्भ हो जाता है। भगवान सूर्य की उपासना की जाती है। श्री आदित्यहृदयस्तोत्र का पाठ किया जाता है। जगह जगह पंडालों में भागवत तथा श्री राम कथा व शिव पुराण की कथाएँ होती हैं। पूरे विश्व के कोने कोने से श्रद्धालु आते हैं तथा पूरे कुम्भ तक रुककर अनंत पुण्य की प्राप्ति करते हैं। प्रथम शाही स्नान का महत्व सर्वाधिक है। इसी दिन से कुम्भ का श्री गणेश होता है। अतः प्रथम दिवस के दिन प्रयागराज में कुम्भ स्नान का महत्व सर्वाधिक है।

इसके लिए प्रयागराज में महीनों से तैयारियां की जा रही है। देश दुनिया भर से करोड़ों श्रद्धालुओं के जुटने की उम्मीदें हैं। माना जाता है कि प्रयागराज में होने वाला कुंभ प्रकाश की ओर ले जाता है, यह एक ऐसा स्थान है जहां बुद्धिमत्ता का प्रतीक सूर्य का उदय होता है।  हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार त्रिवेणी संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाकर मनुष्य अपने समस्त पापों को धो डालता है। पवित्र गंगा में डुबकी लगाने से मनुष्य और उसके पूर्वज दोषमुक्त हो जाते हैं।

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