हर व्यक्ति को छत देने के सरकार के दावे हो रहे फेल, तम्बू के नीचे जीने को मजबूर है भिखारी

** 

जायस-अमेठी । कस्बे के दरगाह मखदूम अशरफ मोड पर तम्बू के साये मे बदहाली की जीवन बिताने को मजबूर है भिखारी। गलन भरी ठंड मे सुरक्षा कवच की भूमिका निभा रहे पन्नी के सहारे जीवन बिता रहा 80 वर्षीय  भिखारी  गांव पेडुरिया अमेठी निवासी सुबराती बताते है  कि लगभग पच्चीस वर्ष से बराबर आते है । लगभग एक वर्ष से यही पन्नी के सहारे जाडा, गर्मी, बरसात, किसी तरह अपना जीवन काट रहे है ।

अब चल फिरना भी दुश्वार हो गया है । इसीलिए मजबूरी मे पडे रहते है । तमाम स्वयंसेवी संस्थान से लेकर जन प्रातिनिधि तक गरीब एवं असहाय लोगों के सहायता को लेकर इस गलन भरी ठंड मे गर्म कपडा से लेकर कम्बल आदि वितरित कर रहे है  लेकिन इस विकलांग बुजुर्ग को गर्म कपडा क्या नगर पालिका पारिषद जायस  अलाव के लिए एक अदद लकडी का बोटा तक नही दे सकी जिससे इस बर्फीली ठंड से ताप कर ही अपना जीवन सुरक्षित रख सके। किसी तरह सडक किनारे पडे खर पतवार इकठ्ठा करके ताप कर जिन्दगी जीने के लिए मजबूर है । जबकि राष्ट्रीय राज्य मार्ग होने के कारण जिले के आला अधिकारी से लेकर स्थानीय प्रशासन भी देखता है । लेकिन इस मुफलिसी की जिन्दगी जीने वाले सुबराती का कोई पुरसाहाल नही है ।