Gujarat Election 2022: किस ओर रहेगा मुस्लिम वोटर्स का रुझान? जानें बीजेपी का मास्टर प्लान

गांधीनगर। गुजरात विधानसभा चुनाव पर इस वक्त देशभर के लोगों की नजर है। क्योंकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह इसी राज्य से आते हैं। इस लिहाज से माना जा रहा है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे आगामी 2024 लोकसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यही वजह है कि बीजेपी के शीर्ष नेता गुजरात में डेरा जमाए हुए हैं। इस बार चुनाव में आम आदमी पार्टी बीजेपी को सीधे टक्कर देती दिख रही है।

गुजरात विधानसभा चुनाव में पहली बार देखा जा रहा जब कांग्रेस के बाद तीसरा दल आप 182 विधानसभा सीटों पर अपना उम्मीदवार उतार रही है। ऐसे में ये चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। इस बार राज्य के 117 सीटों में से 10 फीसदी से भी ज्यादा की दावेदारी रखने मुस्लिम वोटर्स पर सभी राजनीतिक दलों की नजर है। तो आइए जानते हैं कि इस बार मुस्लिम वोटर्स का झुकाव किस तरफ होगा।

कांग्रेस की वोट बैंक में बंटवारा संभव

इस बार कांग्रेस पार्टी को विधानसभा चुनाव में खूब पसाने बहाने पड़ सकते हैं क्योंकि अभी तक मुस्लिम वोटर्स हमेशा कांग्रेस को ही वोट करते आए हैं। केजरीवाल की इस बार विधानसभा में एंट्री ने कांग्रेस के सियासी समीकरण बिगाड़ कर रख दिए हैं। आप इस वक्त काफी आक्रामक तरीके से चुनाव प्रचार में जुटी हुई है जबकि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भारत जोडो यात्रा बिजी हैं। ऐसे में ये माना जा रहा है कि कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक में आप सेंध लगा सकती है।

उधर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी मुस्लिमों के विकल्प के तौर पर देखे जा रहे हैं। फिर कांग्रेस के मुस्लिम वोट कटने की ज्यादा संभावना दिख रही है। दिल्ली के अल्पसंख्यक वोटर्स की पहली पसंद बन चुकी आप गुजरात के सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है। तो वहीं ओवेसी मुसलमान बहुल्य 30 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। 150 सीटों पर मुस्लिमों के सामने 27 सालों से शासन कर रही बीजेपी, कांग्रेस, आप समेत 3 विकल्प होगें तो तीन दर्जन सीटों पर चार पार्टियों के बीच चुनाव होना है। ऐसे में इन सीटों पर कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।

बीजेपी ने क्या कहा?

बीजेपी को मुस्लिम वोटर्स की जरुरत है, इसी वजह से पार्टी अल्पसंख्यक को साध रही है। वर्ष 2002 में हुए सांप्रदायिक दंगे के बाद से राज्य के हालातों में बहुत कुछ बदला है। लेकिन दो दशको को देखा जाए तो गुजरात में सांप्रदायिक घटनाएं बिल्कुल ना के बराबर हुई हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नारे सबका साथ सबका विकास का ध्येय रखने वाले बीजेपी का यह कहना है कि विकास और लोक कल्याण के योजनाओं का फायदा सबको मिला है।

मुसलमानों को भी इसका लाभ मिला हैं बिना किसी भेदभाव के बीजेपी ने आगे कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए मुसलमानों को ठगने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह मुसलमानों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश कर रही है। बीजेपी के अल्पसंख्यक मित्र मुहिम चलाते हुए मुस्लिम सीटों पर पैठ बढ़ाने की कोशिश की है। यूपी में बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं का वोट भाजपा को मिला है। ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून से भी मुस्लिम महिलाए खुश है । आगे संभावनाए है कि गुजरात में भी ऐसा हो सकता है। मुस्लिम समुदाय को भाजपा से फायदा हो सकता है।

बीजेपी को मिल सकता है फायदा

मुस्लिम सीटों पर कांग्रेस मजबूत रही हैं, पिछले विधानसभा चुनाव में मुसलमानों का अधिकांश वोट कांग्रेस को मिला था। बात करें 2017 के विधानसभा चुनाव की तो बीजेपी को टक्कर देने वाली कांग्रेस पार्टी ने 10 से भी ज्यादा फीसदी मुस्लिम वोटर्स वाले 117 सीटों में से 50 सीटें जीती थी, 36 सीटें बीजेपी के खेमे में गई थी। कांग्रेस को 41.52 फीसदी वोट मिले थे तो वहीं भाजपा को 47.99 फीसदी पर अपना कब्जा किया था। जिन 53 सीटों पर मुसलमान वोटर्स 20 फीसदी तक है उनमें से 22 में कांग्रेस तो 31 पर भाजपा ने जीत पर परचम लहराया था।

जिन 12 सीटों पर मुस्लिम 20 से भी ज्यादा फीसदी पर हैं उसमे से 5 पर कांग्रेस ने और 6 पर बीजेपी ने जीती थी। राजनीतिक जानकारों की माने तो गुजरात में हुए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के चलते काफी संवेदनशील रहा है। मुसलमान वोटर्स कांग्रेस को और हिंदू वोटर्स भाजपा को वोट देती हैं। लेकिन इस बार केजरीवाल और ओवैसी ने अपने पैर रखे हैं, जिससे कुछ हद तक रुख बदल सकते हैं। मुसलमानों के वोट बैंक में बंटवारे से बीजेपी को इस बार विधानसभा चुनाव में इससे बड़ा फायदा मिल सकता है।

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