घर बैठे गोल्ड लोन की सुविधा किस तरह उपभोक्ताओं के जीवन को बना रही है आसानः सुमित शर्मा

भास्कर समाचार सेवा
नई दिल्ली
। सुमित शर्मा संस्थापक-रेडियन फिनसर्व ने बताया कि किस तरह डिजिटल टेक्नोलॉजी गोल्ड लोन उद्योग में नए बदलाव ला रही है भारतीयों को सोने से खास लगाव है। सोना हमारी संस्कृति एवं परम्पराओं का अभिन्न हिस्सा रहा है और अक्सर इसे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को विरासत के रूप में दिया जाता रहा है। यह निवेश का भी लोकप्रिय विकल्प है, भारतीय परिवारों के पास 25,000 टन सोना है, जिसकी कीमत 1.5 ट्रिलियन डॉलर से भी अधिक है। हाल ही के वर्षों में भारत में गोल्ड लोन का मार्केट तेज़ी से विकसित हुआ है, इस बीच उपभोक्ताओं के घर तक गोल्ड लोन की सुविधा उद्योग जगत में चुनौतीपूर्ण बन गई है।

पारम्परिक रूप से, गोल्ड लोन बैंकों या नॉन-बैंकिंग फाइनैंशियल कंपनियां (एनबीएफसी) द्वारा फिज़िकल शाखाओं के माध्यम से दिया जाता है। उपभोक्ता को लोन लेने के लिए बैंक या एनबीएफसी की शाखा जाना पड़ता है। यह प्रक्रिया मुश्किल होती है और अक्सर इसमें अधिक समय लगता है और उपभोक्ता को सोना लेकर शाखा में जाना जाता है, दस्तावेजों की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है और लोन मिलने तक इंतज़ार करना पड़ता है। लेकिन हाल ही में इस प्रक्रिया में हुए सुधारों के चलते लोन लेने की प्रक्रिया में कम समय लगने लगा है।

उपभोक्ता आज घर बैठे लोन की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं, पूरी प्रक्रिया बेहद आसानी से और सुविधाजनक तरीके से हो जाती है। इस तरह के गोल्ड लोन सिक्योर्ड लोन होते हैं, बैंक सोना गिरवी रखकर यह लोन देता है, लेकिन लोन लेने की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होती है। कुछ उपभोक्ताओं को गोल्ड लोन के लिए बैंक शाखा जाने में शर्मिंदगी महसूस होती है, ऐसे में घर बैठे लोन की सुविधा उनकी इस समस्या को हल कर देती है। लोन की पूरी प्रक्रिया आराम से पूरी हो जाती है।

उपभोक्ता अपनी मोबाइल डिवाइस, डेस्कटॉॅप या कम्प्यूटर के ज़रिए गोल्ड लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया में बहुत कम दस्तावेजों की ज़रूरत होती है, उन्हें अपना पहचान पत्र, पते का प्रमाण पत्र और गोल्ड वैल्यूएशन सर्टिफिकेट अपलोड करना होता है। इसके बाद प्लेटफॉर्म दस्तावेजों एवं गोल्ड वैल्यूएशन (सोने की कीमत) को वैरीफाय करता है। और कुछ ही मिनटों के भीतर लोन के लिए अनुमोदन मिल जाता है।

घर बैठे लोन की यह सुविधा पारम्परिक प्रक्रिया की तुलना में बेहद आसान एवं सुविधाजनक है। इसमें पूरी प्रक्रिया उपभोक्ता के घर बैठे आसानी से हो जाती है, लोन की राशि भी जल्दी मिल जाती है, साथ ही पुनर्भुगतान के विकल्प भी आसान होते हैं। उपभोक्ता अपने लोन के स्टेटस को टै्रक कर सकते हैं, ऑनलाईन भुगतान कर सकते हैं।

कंपनियां अपने उपभोक्ताओं को आधुनिक फाइनैंशियल प्रोडक्ट्स एवं सर्विसेज़ उपलब्ध कराने के लिए डिजिटल तकनीकों का उपयोग कर रही हैं। इनमें मोबाइल ऐप, ऑनलाईन लोन कैलकुलेटर और लोन मैनेजमेन्ट टूल्स शामिल हैं। ये सभी प्रोडट्स उपभोक्ताओं के अनुभव को बेहतर बनाते हैं।

खासतौर पर युवा एवं टेक-सैवी उपभोक्ता डिजिटल गोल्ड लोन को ज़्यादा पसंद करते हैं, वे डिजिटल चैनलों के ज़रिए फाइनैंशियल प्रोडक्ट्स एवं सर्विसेज़ का लाभ उठाना चाहते हैं। डिजिटल गोल्ड लोन की बढ़ती लोकप्रियता के चलते वित्तीय समावेशन को भी बढ़ावा मिल रहा है। आज ग्रामीण एवं दूर-दराज के इलाकों के लोग भी आसानी से इन सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं, जो पहले इन सेवाओं से वंचित रहते थे।

पारम्परिक फाइनैंशियल प्रोडक्ट्स जैसे पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड अक्सर उपभोक्ताओं की पहली पसंद रहते है।। वे उंची दरों पर इस तरह के लोन लेते हैं, जो उनके लिए न तो व्यवहारिक होते हैं और न ही किफ़ायती। वहीं दूसरी ओर गोल्ड लोन कम ब्याज दर पर आसानी से मिल जाता है, इसे चुकाना भी आसान होता है, इसमें दस्तावेज़ों की ज़रूरत कम होती है, ऐसे में यह उपभोक्ताओं की ऋण संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अच्छा विकल्प है। क्योंकि यह लोन सोना गिरवी रखकर मिलता है, ऐसे में उपभोक्ता पूरी ज़िम्मेदारी के साथ इसे चुकाते हैं। इससे उपभोक्ता के क्रेडिट प्रोफाइल में भी सुधार होता है।

कुल मिलाकार, घर बैठे डिजिटल गोल्ड लोन की सुविधा न सिर्फ आसान और प्रभावी है, बल्कि बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को लाभान्वित कर वित्तीय समावेशन को भी बढ़ावा दे रही है।

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