इमरान खान का ‘हकीकी आजादी मार्च’ का शुभारंभ, लाहौर से हुआ इस्लामाबाद के लिए रवाना

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का ‘हकीकी आजादी मार्च’ आज लाहौर से इस्लामाबाद के लिए रवाना हो रहा है। इमरान की पार्टी PTI की तरफ से निकाले जा रहे इस मार्च के लिए इमरान समर्थक लाहौर के लिबर्टी चौक पर इकट्‌ठा हो चुके हैं। इमरान खान भी मार्च में शामिल हो चुके हैं। मार्च की रवानगी से पहले वे समर्थकों को संबोधित भी करेंगे।

इससे पहले PTI ने एक वीडियो ट्वीट किया था, जिसमें मार्च के बारे में बता रहे इमरान खान ने कहा है कि वे ‘जिहाद’ पर निकल रहे हैं।

अपडेट्‌स

PTI ने यह मार्च पत्रकार अरशद शरीफ को समर्पित किया है, जिसकी केन्या में हत्या कर दी गई थी।
पाकिस्तान सरकार ने चेतावनी दी है कि लंबी पैदल यात्रा करने वालों ने कानून तोड़ा तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

PTI की अपील- गैस मास्क और डंडे लेकर आएं

देश में चुनावों की मांग को लेकर यह मार्च निकाला जा रहा है। PTI ने मार्च में हिस्सा लेने वालों से इस्लामाबाद में धरने के लिए गैस मास्क, चादरें, कंबल, तौलिये, तीन जोड़ी कपड़े, छोटे आकार के टेंट, स्लिंग-शॉट्स, मार्बल्स और डंडों की व्यवस्था करने को कहा है। .

मार्च को रोकने आंसू गैस और पेपर गन

इस्लामाबाद पहुंच रहे मार्च को रोकने के लिए यहां बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों को रोकने और खराब हालात से निपटने के लिए आंसू गैस और पेपर गन से लैस 13,000 से ज्यादा जवानों को राजधानी में तैनात किया गया है।

पहले हिंसा के बाद वापस लेना पड़ा था आजादी मार्च

यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान खान आजादी मार्च निकाल रहे हैं। इसके पहले वे मई 2022 में आजादी मार्च निकाल चुके हैं, लेकिन इस्लामाबाद पहुंचने पर यह हिंसक हो गया था। इमरान समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी और मेट्रो स्टेशन पर आग लगा दी गई थी। जिसके बाद आजादी मार्च को खत्म कर दिया गया था।

लाहौर में भीड़ ने इमरान खान को घेरा, ‘घड़ी चोर’ के नारे लगाए

पाकिस्तान के लाहौर में एक कार्यक्रम के दौरान इमरान खान को भीड़ ने घेर लिया। भीड़ ने ‘घड़ी चोर’ के नारे लगाए। इस दौरान इमरान ने किसी भी तरह की प्रतिक्रिया तो नहीं दी, लेकिन वे काफी असहज नजर आए। दरअसल, 21 अक्टूबर को पाकिस्‍तान के चुनाव आयोग ने तोशखाना मामले में इमरान को 5 साल के लिए अयोग्‍य घोषित कर दिया। उनकी संसद सदस्यता भी रद्द कर दी।

इस फैसले के बाद इमरान अगले 5 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इमरान पर आरोप था कि उन्होंने तोशाखाना में जमा गिफ्ट्स को सस्ते में खरीदा और ज्यादा दामों में बेच दिया।

लाहौर की एक मस्जिद के पास की है घटना

इस्लामाबाद में इमरान सरकार विरोधी मार्च निकालने वाले हैं। हर हाल में इस मार्च को सफल बनाना चाहते हैं। इसी को लेकर वे लाहौर दौरे पर थे। लाहौर की मस्जिद एक नबवी पर जब इमरान सपोटर्स के साथ पहुंचे तो भीड़ और वकीलों के एक ग्रुप ने उन्हें घेर लिया। भीड़ ने उनके खिलाफ ‘घड़ी चोर’ के नारे लगाए। इस दौरान इमरान खुद ही भीड़ को हटाते नजर आए। घटना गुरुवार शाम की बताई जा रही है। इसका वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है।

विदेशी तोहफों को बेचने का आरोप

पाकिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान रजा की अध्यक्षता वाली 4 सदस्यों की बेंच ने इमरान के खिलाफ यह फैसला सुनाया। इमरान जब प्रधानमंत्री थे, तब विपक्षी सांसदों ने उनके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की थी। इमरान पर आरोप था कि उन्होंने तोशाखाना में जमा गिफ्ट्स को सस्ते में खरीदा और ज्यादा दामों में बेच दिया।

जानिए क्या है तोशाखाना केस?

चुनाव आयोग के सामने सत्ताधारी पाकिस्तानी डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने तोशाखाना गिफ्ट मामला उठाया था। कहा था कि इमरान ने अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न देशों से मिले गिफ्ट को बेच दिया था। इमरान ने चुनाव आयोग को बताया था कि उन्होंने तोशाखाने से इन सभी गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा था। इन्हें बेचकर उन्हें करीब 5.8 करोड़ रुपए मिले थे।

इमरान ने किया इस नियम का उल्लंघन

पाकिस्तान की मशहूर पत्रकार आलिया शाह के मुताबिक पाकिस्तान में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या दूसरे पद पर रहने वालों को मिले तोहफों की जानकारी नेशनल आर्काइव को देनी होती है। इन्हें तोशाखाना में जमा कराना होता है। अगर तोहफा 10 हजार पाकिस्तानी रुपए की कीमत वाला होता है तो बिना कोई पैसा चुकाए इसे संबंधित व्यक्ति रख सकता है।

10 हजार से ज्यादा है तो 20% कीमत देकर गिफ्ट अपने पास रखा जा सकता है। अगर 4 लाख से ज्यादा का गिफ्ट है तो इसे सिर्फ वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) या सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) ही खरीद सकता है। अगर कोई नहीं खरीदता तो नीलामी होती है।

फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देगी इमरान की पार्टी

इमरान सरकार में मंत्री रहे फवाद चौधरी ने कहा है कि उनकी पार्टी PTI चुनाव आयोग के इस फैसले का विरोध करेगी और इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेगी। पाकिस्तान में तोशाखाना 1974 में बना था। यह ऐसा विभाग है जिसमें प्रधानमंत्री, ब्यूरोक्रेट्स और राष्ट्रपति को देश-विदेशों से मिले तोहफे रखे जाते हैं।

इमरान 2018 में PM बने। कई मुल्कों के दौरे किए, इनमें सऊदी अरब भी शामिल था। यहां के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) ने इमरान को बेशकीमती रिस्ट वॉच गिफ्ट की। आरोप है कि प्रधानमंत्री इमरान खान और पत्नी बुशरा बीबी ने मुल्क को बिना बताए करोड़ों रुपए के गिफ्ट ही बेच दिए।

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