रात्रि कर्फ्यू लगाने का निर्देश, यूपी में कोरोना को लेकर नई गाइडलाइन जारी


लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना को लेकर सोमवार को नई गाइडलाइन जारी की। यह पहली दिसम्बर से अग्रिम आदेश तक प्रभावी रहेगी। नई गाइडलाइन में शासन की तरफ से कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए रात्रि कर्फ्यू लगाने का निर्देश दिया गया है। हालांकि, इस पर निर्णय का अधिकार स्थानीय प्रशासन को दिया गया है। शादी विवाह जैसे सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होने वालों की संख्या पहले की तरह 100 ही रखी गई है।

प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने नई गाइडलाइन जारी करते हुए बताया कि कोविड-19 के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने में राज्य को महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त हुई है, जिसके परिणामस्वरूप कोविड-19 के सक्रिय केस में निरन्तर कमी आ रही है। विगत कुछ सप्ताह में राज्य के कतिपय क्षेत्रों में सक्रिय केस में कतिपय वृद्धि होने के भी संकेत मिले हैं। वर्तमान में त्योहार सीजन, शीतकाल के आगमन तथा कतिपय क्षेत्रों में कोविड-19 विषयक प्रोटोकाल व निर्गत दिशा-निर्देशों के अनुपालन में बरती जा रही किंचित लापरवाही के दृष्टिगत इस महामारी के पुनः प्रसार होने की सम्भावना हो सकती है। ऐसे में पूर्ण सावधानी बरते जाने, कन्टेनमेन्ट कार्य योजना को और सख्ती से लागू किये जाने, कन्टेनमेन्ट जोन की निरन्तर निगरानी किए जाने तथा पूर्व में भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों का और सख्ती से अनुपालन किये जाने की आवश्यकता है। इसके लिए स्थानीय जिला प्रशासन, पुलिस व नगरीय निकाय प्रशासन को स्थानीय परिस्थितियों का आकलन करते हुये कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से कन्टेनमेन्ट मानदण्डों का सख्ती से अनुपालन कराये जाने तथा स्थानीय स्तर पर कतिपय प्रतिबन्ध लगाने हेतु भी उत्तरदायित्व दिए जाने की आवश्यकता है।

मुख्य सचिव ने बताया कि विगत कुछ माह में आर्थिक एवं अन्य गतिविधियां चरणबद्ध रूप से प्रारम्भ कर दी गयी हैं तथा इनके संचालन हेतु कार्यात्मक मानक तय किये गये हैं। भीड़-भाड़ वाले स्थलों, यथा मार्केट, साप्ताहिक बाजार, सार्वजनिक परिवहन आदि में सामाजिक दूरी का अनुपालन सुनिश्चित किए जाने का उन्होंने निर्देश दिया है। वायुयान, टेªन व मेट्रो रेल द्वारा यात्राओं को नियंत्रित करने के उद्देश्य से पूर्व में निर्गत गाइडलाइन का सख्ती से अनुपालन करने को कहा है। नई गाइडलाइन की प्रतियां प्रदेश के सभी मण्डलायुक्तों, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक रेंज, पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को भेजी गई है।

कन्टेनमेन्ट जोन के भीतर की गतिविधियों के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि कन्टेनमेन्ट जोन के अन्दर अतिआवश्यक गतिविधियां ही अनुमन्य की जायें। कन्टेनमेन्ट जोन के भीतर एवं बाहर चिकित्सकीय आपातकालीन सुविधाओं तथा आवश्यक वस्तुओं व सेवाओं की आपूर्ति के अतिरिक्त अन्य किसी प्रकार के आवागमन को नियंत्रित करने हेतु सख्त मानक अपनाये जाए। मुख्य सचिव ने निर्धारित प्रोटोकाल के अनुसार कोविड-19 की टेस्टिंग करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 पाॅजिटिव पाये गये व्यक्तियों के सम्पर्क में आये सभी व्यक्तियों की सूची (कान्ट्रैक्ट ट्रेसिंग) तैयार कर उन्हें क्वारन्टाईन कराया जाये। साथ ही 14 दिनों तक उनपर निरन्तर निगरानी रखी जाये। स्थानीय प्रतिबन्ध के सम्बन्ध में नई गाइडलाइन में कहा गया है कि कन्टेनमेन्ट जोन के बाहर बगैर भारत सरकार की पूर्वानुमति के स्थानीय स्तर पर किसी भी प्रकार का लाॅकडाउन नहीं लगाया जा सकेगा।

यद्यपि कि कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से परिस्थितियों का आकलन करते हुये स्थानीय प्रतिबन्ध (यथा रात्रि कफ्र्यू आदि) लागू किया जा सकता है। कार्यालयों में भी सामाजिक दूरी के मानकों का अनुपालन किया जाना आवश्यक होगा। ऐसे शहरों में जहां कोविड-19 पाॅजिटिविटी दर 10 प्रतिशत से अधिक है, वहां एक ही समय पर उपस्थित कार्मिकों की संख्या को कम रखने के उद्देश्य से राज्य प्रशासन विखण्डित कार्यालय समय प्रबन्धन अथवा अन्य समुचित प्रबन्धन पर विचार कर निर्णय लेगा।

अन्तर्राज्यीय एवं राज्य के अन्दर आवागमन के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि अन्तर्राज्यीय एवं राज्य के अन्दर व्यक्तियों एवं माल आदि के आवागमन पर कोई प्रतिबन्ध नहीं होगा। पड़ोसी देशों के साथ की गयी संधियों की शर्ताें के अनुरूप सीमा-पार परिवहन की अनुमति होगी। नई गाइडलाइन में भी संक्रमण के खतरे के प्रति संवेदनशील व्यक्तियों की सुरक्षा के संदर्भ में 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, सह-रूगणता अर्थात एक से अधिक अन्य बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति, गर्भवती स्त्रियां और 10 वर्ष की आयु से नीचे के बच्चों को विशेष परिस्थिति को छोड़कर घर के अंदर ही रहने को कहा गया है। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जारी दिशा-निर्देशों का आपदा प्रबन्धन अधिनियम, 2005 के अनुसार कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये।