पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, यानी PDP के नेताओं का कहना है कि जम्मू एवं कश्मीर में सत्तासीन गठबंधन से समर्थन वापस ले लेने के भारतीय जनता पार्टी, यानी BJP के फैसले ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को हैरान कर दिया था.
नई दिल्ली: पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, यानी PDP के नेताओं का कहना है कि जम्मू एवं कश्मीर में सत्तासीन गठबंधन से समर्थन वापस ले लेने के भारतीय जनता पार्टी, यानी BJP के फैसले ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को हैरान कर दिया था. महबूबा मुफ्ती अपने कार्यालय में थीं, जब उनके पास राज्यपाल एनएन वोहरा का फोन आया, और उन्हें BJP के समर्थन वापस लेने की ख़बर दी गई, लेकिन तीन साल से PDP के साथ गठबंधन में सरकार चला रही BJP की ओर से उन्हें ख़बर नहीं दी गई.
गवर्नर का फोन आने के बाद महबूबा मुफ्ती उनके आवास राजभवन जाकर उनसे मिलीं, और अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया. बताया जाता है कि इसके बाद महबूबा ने PDP की आपातकालीन बैठक बुलाई.
जब मीडिया ने सवाल किया
क्या BJP की ओर से समर्थन वापसी के फैसले के बारे में गवर्नर को पहले बताया गया था, महबूबा मुफ्ती को नहीं, तो अब तक राज्य के उपमुख्यमंत्री रहे कवींद्र गुप्ता ने कहा, “पहले फैसले लिए जाते हैं, और बाद में जनता को सूचना दी जाती है… हमने गवर्नर को सूचना दी थी… और जब तक संदेश उनके (महबूबा मुफ्ती के) पास पहुंचा, वह इस्तीफा दे चुकी थीं…”
इससे पहले मंगलवार को ही कवींद्र गुप्ता ने बताया था कि राज्य सरकार में शामिल BJP के सभी मंत्रियों के त्यागपत्र मुख्यमंत्री को भेज दिए गए थे.
समर्थन वापसी का फैसला अचानक लिया गया, इसके संकेत पूर्व मुख्यमंत्री तथा नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने भी दिए, जब उन्होंने कहा, “उनके (महबूबा मुफ्ती के) पांव तले से गलीचा खींच लिया गया…”
बाद में उमर अब्दुल्ला ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर भी लिखा, “वह (महबूबा मुफ्ती) रिबन काट रही थीं, जबकि BJP उन्हीं के नीचे उनके पांव काटने का काम कर रही थी… काश, वह अपना सिर उठाकर जा पातीं, ताकि उनका सम्मान बरकरार रहता… वह जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री थीं, BJPDP की नहीं…” उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने महबूबा मुफ्ती को गठबंधन से बाहर आने का सुझाव दिया था, लेकिन उन्होंने उनकी बात नहीं सुनी.