
श्रीनगर । कश्मीर घाटी में जारी आतंकरोधी अभियानों के दौरान सुरक्षाबलों ने इस साल अब तक 78 आतंकियों को मार गिराया है। इनमें से 26 विदेशी आतंकी हैं। इस दौरान 43 आतंकियों को हथियारों के साथ जिंदा पकड़ा गया है।
आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने गुरुवार को पत्रकारों को बताया कि घाटी को आतंकियों से मुक्त कराने में आम लोग सुरक्षाबलों का पूरा सहयोग कर रहे हैं। स्थानीय लोग जब भी अपने आस पास किसी भी संदिग्ध गतिविधि को देखते हैं तो उसी समय निकटवर्ती सुरक्षा चौकी को सूचित करते हैं। इसके अलावा पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों का खुफिया नेटवर्क भी पहले से कहीं ज्यादा बेहतर हुआ है। इससे आतंकियों के ठिकानों की सही स्टीक जानकारी मिल रही है और उनके खिलाफ चलाए जा रहे अभियान लगातार सफल हो रहे हैं।
आईजीपी ने बताया कि कश्मीर घाटी में इस वर्ष पहली जनवरी से अब तक सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच 50 मुठभेड़ हुई हैं। इनमें मारे गए 78 आतंकियों में 26 विदेशी आतंकी थे। इनमें आज जुमगुंड कुपवाड़ा में मारे गए तीन पाकिस्तानी आतंकी भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मारे गए विदेशी आतंकियों में 14 जैश-ए-मोहम्मद से थे, जबकि 12 अन्य लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए थे।
उन्होंने बताया कि अगर बीते वर्ष के पहले पांच महीनों के दौरान कश्मीर घाटी में मारे गए विदेशी आतंकियों की संख्या से इस वर्ष के पहले पांच महीनों में अब तक मारे गए आतंकियों की संख्या की तुलना करें तो आप खुद पाएंगे कि इस बार विदेशी आतंकी ज्यादा मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके आधार पर कहा जा सकता है कि स्थानीय आतंकियों की संख्या लगातार घट रही है और वह अब बंदूक के रास्ते पर नहीं चलना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि इसी के चलते विदेशी आतंकी अब अपने ठिकानों से बाहर निकल कर कश्मीर में अफरा-तफरी फैलाने की साजिश को जारी रखना चाहते हैं, लेकिन हमारे सुरक्षाबल पूरी तरह सतर्क हैं, आतंकियों को चाहे वह स्थानीय हों या विदेशी, हालात बिगाड़ने का मौका नहीं मिलेगा, वह सभी मारे जाएंगे।
आईजीपी ने आगे बताया कि कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों में पुलिस ने अन्य सुरक्षा एजेंसियों की मदद से 43 आतंकियों को भी हथियारों के साथ पकड़ा है। इनके खिलाफ संबंधित कानून के तहत आगे की कार्रवाई की जा रही है।