कानपुर : विशेष सचिव स्वास्थ ने किया अस्पताल का औचक निरीक्षण, मिली अव्यवस्थाएं

कानपुर। उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष संचारी रोग अभियान के अंतर्गत विशेष सचिव स्वास्थ एवं परिवार कल्याण डा. शिव सहाय अवस्थी, अपर निदेशक स्वास्थ्य अंजू दूबे ने मुख्य चिकित्साधिकारी डा.आलोक रंजन के साथ कांशीराम ट्रामा सेंटर एवं संयुक्त चिकित्सालय  में डेंगू से संबंधित व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि डेंगू से संबंधित व्यवस्थाओं में जो कमी दिखी है उसे चिन्हित कर सम्बन्धित अधिकारियों को कमी दूर करने के आवश्यक निर्देश दिए हैं।

रजिस्ट्रेशन काउंटर पर विशेष तौर से बुखार से पीड़ित मरीजों की भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त काउंटर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आलोक रंजन से डेंगू के अब तक चिन्हित हुए कुल केस व अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों की जानकारी ली। उन्होंने कांशीराम ट्रामा सेंटर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. स्वदेश गुप्ता को मीडिया के माध्यम से आम जन को जागरूक करने संबंधी कारगर नीति बनाने हेतु निर्देश भी दिए। 

संसाधनों की कमी व मरीजों को अन्य अस्पताल रेफर किए जाने के बाबत पूछे गए सवाल पर उन्होंने जवाब दिया कि पैरामेडिकल स्टाफ की एनएच एम व अन्य माध्यम से भर्ती की जा रही है। चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए उनकी सेवानिर्वित आयु 62 हर्ष से बढ़ा कर 65 वर्ष कर दी गई है। स्पेशियलिटी चिकित्सकों के लिए सरकार द्वारा 5 लाख मासिक वेतन के द्वारा उनकी नियुक्ति की जा रही है।

– विशेष सचिव के आगमन पर अव्यवस्थाओं का रहा बोल बाला

एक और जहां चिकित्सक विशेष सचिव के आगमन की तैयारियों में व्यस्त रहे,वहीं मरीज पर्चा बनवाने के बाद डाक्टर के चेंबर में न उपस्थित होने के कारण उन्हें ढूड़ते रहे। इमरजेंसी में चिकित्सक के उपस्थित न होने के कारण गम्भीर रूप से आग से जला मरीज़ फर्श पर लेटा तड़प रहा था। उसके तीमारदार बाहर मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीद कर स्वयं उसका उपचार कर रहे थे।

किदवई नगर निवासी मरीज जो वाकर के सहारे चल रहा था उसने विशेष सचिव से शिकायत करते हुए कहा कि चिकित्सक के चौंबर में उपस्थित न होने के कारण वे उन्हें दिखा नही सके। वार्ड ब्वाय मुंह में पान मसाला चबाते हुए अस्पताल परिसर में बाइक में बैठ कर जाता दिखा तो उसे रोक कर अस्पताल परिसर में मसाला खाने का कारण पूछा तो उसने उत्तर दिया कि उसे गाड़ी चलाते समय नींद आ जाती है इस लिए मसाला खाना उसकी मजबूरी है। फार्मा कंपनी के एजेंटों की अस्पताल में पाबंदी के बावजूद अस्पताल परिसर में फार्मा कंपनी के रिप्रजेंटेटिव बेधड़क चहल कदमी करते दिखे।

जाजमऊ निवासी एक गर्भवती महिला मरीज़ चिकित्सक को दिखाने के लिए लाइन में लगी थी की अचानक चक्कर आने के कारण वो बेहोश हो गई लेकिन अन्दर चौंबर में बैठी चिकित्सक को उसके बेहोश होने की जानकारी नहीं थी। वहीं अस्पताल परिसर में नकली आशा कार्यकर्ता भी घूमती दिखी।उनसे पूछने पर उन्होंने बताया कि वे अस्पताल के पास ही रहती हैं वे मरीजों की सेवा के लिए अस्पताल आती हैं। बड़ा सवाल ये है कि जब वे अस्पताल की कर्मचारी नहीं हैं तो फिर किसके निर्देश से वे अस्पताल आती हैं।

– स्वास्थ्य अधिकारी बोले नियमित हो रही फागिंग

उर्सला में विशेष सचिव ने जब नगर स्वास्थ्य अधिकारी से पूछा कि फागिंग का क्या प्रारूप है तो नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि नियमित फागिंग हो रही है। इस पर विशेष सचिव ने पूछा कि जब फागिंग हो रही है तो मरीज क्यों बढ़ रहे है। तब जानकारी आयी कि नगर निगम के पास फागिंग की मात्र 18 मशीने है और वार्ड 110 तब विशेष सचिव ने फागिंग मशीनों को लेकर जरूरी निर्देश दिये कि अन्य खचों में कटौती कर फागिंग मशीनों को बढ़ाया जाय और नियमित फागिंग हो।

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