कठुआ गैंगरेप कांड:  17 महीने बाद आया फैसला, 6 दोषियों में से तीन को उम्रकैद 3 को 5-5 साल की सजा

देश को हिलाकर रख देने वाले बहुचर्चित कठुआ सामूहिक दुष्कर्म व हत्याकांड मामले का 17 महीने बाद सोमवार को पंजाब स्थित पठानकोट की एक विशेष अदालत ने फैसला सुना दिया।  कोर्ट ने तीन दोषियों जिनके नाम दीपक खजूरिया, सांझी राम और प्रवेश है उन्हें कोर्ट ने  उम्रकैद की सजा सुनाई हैं।  इन पर कोर्ट ने एक लाख का जुर्माना भी लगाया है। वहीं, सबूतों से छेड़छाड़ करने वाले तीन अन्य दोषी पुलिसकर्मियों को कोर्ट ने 5-5 साल की सजा दी है। इससे पहले सुबह सुनवाई में पठानकोट सेशन कोर्ट ने 7 में से 6 आरोपियों को दोषी करार दिया था। इसमें मामले का मुख्य साजिशकर्ता सांजी राम, परवेश कुमार, दो विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया व सुरेंदर शर्मा, हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज और एसआई आनंद दत्ता शामिल हैं।

जानिए पूरा मामला 

इस मामले में दाखिल की गई 15 पन्नों की चार्जशीट के अनुसार जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के रसाना गांव में पिछले साल 10 जनवरी को बंजारा समुदाय की आठ साल की एक बच्ची का अपहरण कर उसे बंधक बना लिया गया था। उसके बाद गांव के एक मंदिर में कथित तौर पर उसके साथ चार दिन दुष्कर्म किया गया। फिर लाठी से मार-पीटकर बच्ची की हत्या कर दी गई। इस मामले में अदालत ने मुख्य आरोपित ग्राम प्रधान सांजीराम, दीपक खजुरिया, परवेश दोषी, तिलक राज, आनंद दत्ता, सुरेंद्र कुमार को दोषी करार दिया है। जबकि सांजी राम के बेटे विशाल को बरी कर दिया है।
ग्राम प्रधान सांजी राम, उसके बेटे विशाल, किशोर भतीजे तथा उसके दोस्त आनंद दत्ता को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था। बाद में इस मामले में दो विशेष पुलिस अधिकारियों दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा को भी गिरफ्तार कर लिया गया। तब खुलासा हुआ कि सांजी राम से चार लाख रुपये लेकर हेड कांस्टेबल तिलक राज एवं एसआई आनंद दत्ता ने महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने का ठेका लिया है। यह खुलासा होते ही क्राइम ब्रांच ने उन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया। चूंकि लोगों को शक था कि अगर इस मामले की स्थानीय अदालत में सुनवाई हुई तो न्याय नहीं हो पाएगा, इसलिए सुप्रीम कोर्ट से कहीं अन्यत्र मामले की सुनवाई की अपील की गई।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले को जम्मू कश्मीर से बाहर भेजने का आदेश दिया। उसके बाद जम्मू से करीब 100 किलोमीटर और कठुआ से 30 किलोमीटर दूर पठानकोट पंजाब के जिला एवं सत्र अदालत पिछले साल जून के प्रथम सप्ताह में सुनवाई शुरू हुई।

सोमवार, 10 जून जिला एवं सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह पठानकोट ने मामले के सात आरोपितों में से छह को दुष्कर्म और हत्या का दोषी करार दिया। एक आरोपित किशोर है। उसके खिलाफ मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है और उसकी उम्र संबंधी याचिका पर जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट सुनवाई करेगा।

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