दशमेश गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों की याद में सजाया गया कवि दरबार

भास्कर समाचार सेव

बदायूँ । हिंदू जागृति मंच एवं गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में कवि दरबार सजाया गया । गुरुद्वारा में आयोजित वीर बाल दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में संभल से आए हिन्दू जागृति मंच के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार शर्मा एवं मण्डल अध्यक्ष अनन्त कुमार अग्रवाल रहे। गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के पदाधिकारी सरदार मंजीत सिंह, सरदार गुरदीप सिंह एवं सरदार भगत सिंह ने अमर बलिदानी साहिबजादों के चित्र पर माल्यार्पण किया। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार मंजीत सिंह ने गुरु गोविंद सिंह को खालसा पंथ का संस्थापक बताकर हिंदू धर्म का रक्षक और सिक्खों का संरक्षक बताया। उन्होंने वीर बाल दिवस को गुरु गोविंद सिंह और उनके परिवार द्वारा किए गए बलिदान का स्मृति पर्व बताया। हिन्दू जागृति मंच के जिलाध्यक्ष जगदीश सरन शर्मा ने गुरु गोविंद सिंह महाराज के बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के उपाध्यक्ष सरदार गुरदीप सिंह ने बताया कि बाल दिवस आयोजन के माध्यम से समाज गुरु गोविंद सिंह के संपूर्ण परिवार द्वारा किए गए अमर और सर्वोच्च बलिदान को हमेशा याद रखेगा।सतनाम सिंह, जितेन्द्र सिंह और रंजीत सिंह ने कहा कि वीर बाल दिवस हमारे लिए गर्व, गौरव, सम्मान और शान का पर्व है। पवित्र कार्य के लिए किया गया बलिदान अमिट होता है। उन्होंने हिंदू जागृति मंच के सहयोग से आयोजित वीर बाल दिवस की भूरि भूरि प्रशंसा की।
उसके बाद कवि दरबार में आये अतिथि कवियों ने काव्यपाठ किया –
कवि प्यारे सिंह यादव शिशु ने पढ़ा-
मिट गये धर्म की रक्षा में अपना सर्वस्व मिटा डाला
गुरु गोविन्द सिंह के बच्चों ने हिन्दू इतिहास सजा डाला।
साहित्यकार अशोक खुराना ने पढ़ा-
यह भी है इतिहास का,इक अनुपम प्रतिमान
दशम गुरू ने कर दिये,चारों सुत कुर्बान।
कवि अरविन्द धवल ने पढ़ा-
हँसते-हँसते देश धर्म हित शीश चढ़ाने वालों को
नमन कोटिशः गुरु गोविंद के वीर बाँकुरे लालों को।
कवि महेश मित्र ने पढ़ा-
श्रद्धा से हम करें नमन गुरु गोविन्द सिंह बलिदानी को
देश की रक्षा की जिसने उस पौरुषपूर्ण जवानी को।
वृन्दावन से आये कवि उमाशंकर राही ने पढ़ा-
रणभूमि में उतर अजीत जुझार ने भी तेग तलवार के नज़ारे दिखला दिए, गूजरी के लाल के भी लालों ने कमाल किया मुगलों को दिन में भी तारे दिखला दिए।
कवि भूराज सिंह राजलायर ने पढ़ा-
तुम चमकौर याद कर लेना जब भी मन दुविधा में हो
गुरु अकाल हैं और अटल है बलिदानों का सिंहासन।
कवयित्री सरिता चौहान ने पढ़ा-
जीवन बगिया के पुष्प अनगिनत ने भू पर बलिदान चुना,
ज्यों फतेह सिंह ने लोरी में निज भारत माँ का गान चुना।
कवयित्री वीरबाला सिंह ने पढ़ा-
चारों वीर सपूतों का बलिदान व्यर्थ न जायेगा
देश धर्म की रक्षा हित इक नई चेतना लायेगा
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि प्यारे सिंह यादव ‘शिशु’ एवं संचालन उज्ज्वल वशिष्ठ ने किया।
कार्यक्रम में अभिषेक अनन्त, सरदार रंजीत सिंह, मनप्रीत सिंह साहनी, डॉ रविन्द्र सिंह, शुभम् वशिष्ठ, प्रतिपाल सिंह दुआ, भीमसेन सिंह सागर, यशोमोहन शर्मा, प्रमोद कुमार शर्मा, सनी गोस्वामी, शैलेन्द्र मिश्रा, गुरमीत कौन खालसा, कवलजीत कौर, इन्दरमीत कौर, महेन्द्र पाल सिंह, डी.एन.शर्मा, उज्ज्वल गुप्ता, दिलप्रीत सिंह, जसप्रीत सिंह, अनमोल गुलाटी, गुरुचरण सिंह, तरन सिंह आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अन्त में संयोजक सरदार भगत सिंह ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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