बहराइच में किसान महाविद्यालय शीघ्र ही प्राप्त करेगा ऑटोनामस का दर्जा : मेजर एस पी सिंह

फ़ख़रपुर/बहराइच l जनपद के सबसे बड़े उच्च शिक्षा के केंद्र किसान पी.जी. कॉलेज के स्वायत्तशासी बनने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। विगत 13 और 14 मई को इस संबंध में उच्चस्तरीय टीम द्वारा निरीक्षण भी किया जा चुका है जिसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग इस संबंध में अपना निर्णय लेगा। 1960 में स्थापित यह महाविद्यालय प्रदेश और विश्वविद्यालय के प्रथम श्रेणी के महाविद्यालयों में गिना जाता है। यहां के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उच्च शिक्षा प्राप्त करके प्रशासन, उच्च शिक्षा और जीवन के अनेक क्षेत्रों में अपना ऊंचा स्थान बना चुके हैं। यह सब यहां की गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा का परिणाम है। महाविद्यालय 2011 और 2017 में नैक का मूल्यांकन भी करा चुका है। जिसमें उसे दूसरे नैक मूल्यांकन में ए ग्रेड प्राप्त हो चुका है।

इस संबंध में महाविद्यालय प्रबंध समिति के सचिव मेजर डॉ. एस.पी. सिंह से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि हमने स्वायत्तशासी बनने की सारी अर्हतायें पूरी कर ली है।स्थलीय निरीक्षण के बाद इस बात की प्रबल संभावना है कि बहुत जल्दी ही यह  महाविद्यालय ऑटोनामस  का दर्जा प्राप्त कर लेगा। यह न केवल बहराइच के लिए बल्कि आसपास के जिलों में भी उच्च शिक्षा के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आएगा। हम रोजगारपरक शिक्षा देने में समर्थ होंगे। महाविद्यालय इस तरह के पाठ्यक्रम संचालित कर सकेगा जिससे छात्र- छात्राओं को अपनी आवश्यकता और योग्यता के अनुरूप रोजगार प्राप्त हो सके। हमारे महाविद्यालय में स्नातक और परास्नातक स्तर पर सभी विषयों की कक्षाएं संचालित हो रही है।हमें विश्वास है कि अपनी योग्यता और क्षमता के दम पर हमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग स्वायत्तशासी का दर्जा प्रदान करेगा। वैसे भी शैक्षिक रूप से पिछड़े होने के कारण यह आकांक्षी जनपद है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कार्य करने की आवश्यकता है।

इस संबंध में जब महाविद्यालय के मध्यकालीन इतिहास विभाग में कार्यरत डॉ.सत्यभूषण सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि महाविद्यालय के वर्तमान भौतिक और शैक्षिक स्वरूप के निर्माण में मेजर डॉ. एस. पी. सिंह का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने इस संस्था के लिए अपने जीवन का शतप्रतिशत दिया है। उनकी कर्मठता, संस्था के प्रति निष्ठा और समर्पण निश्चित रूप से संस्था को ऊंचा स्थान दिलाने में समर्थ हुआ है। यह उन्हीं की नेतृत्व क्षमता का परिणाम है कि महाविद्यालय ने 2017 में नैक मूल्यांकन में ए ग्रेड प्राप्त किया है। हम सब आशावाद हैं कि उनके नेतृत्व में यह महाविद्यालय बहुत जल्दी ही स्वायत्तशासी महाविद्यालय का दर्जा प्राप्त करेगा।

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