लखीमपुर : तथ्यहीन कार्यशैली के चलते नगर में संचालित हुए दर्जनों अवैध अस्पताल व लैब

लखीमपुर खीरी। जहां एक ओर तेज तर्रार सीएमओ खीरी डॉक्टर संतोष गुप्ता जिले भर के तमाम अवैध रूप से संचालित प्राइवेट नर्सिंग होम या डायग्नोस्टिक सेंटर पर रोकथाम के लिए आए दिन छापेमारी कर फर्जी अस्पताल व लैब सीज कर जिले वासियों के लिए जान के साथ खिलवाड़ करने वाले लोगो पर लगाम कसने का काम कर रहे हैं।

वही गोला सीएचसी क्षेत्र अंतर्गत सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर गणेश की लचर कार्यशाली के चलते अवैध रूप से संचालित अस्पताल व डायग्नोस्टिक सेंटरो का बोलबाला है। सूत्र बताते हैं कि अस्पताल पर कार्यवाही करने की बजाय मासिक मोटी रकम सेट कर अस्पताल मालिकों को खुला संरक्षण दिया जाता है जिसके चलते नगर में दर्जनों की संख्या में फर्जी अस्पताल संचालित हैं। इसी तरह फर्जी डायग्नोस्टिक सेंटरो का भी काफी बोल बाला है जिसके चलते गोला सीएससी मे बीसीपीएम के पद पर तैनात कर्मी का भाई सीएचसी गोला के ठीक सामने अवैध रूप से जीवन डायग्नोस्टिक सेंटर के नाम से डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित कर रहा है।

जिसमें जीवन डायग्नोस्टिक सेंटर के डायरेक्टर प्रवीण पाल के भाई जो कि सीएचसी गोला मे बीसीपीएम के पद पर कार्यरत हैं, जिन के सहयोग से जीवन डायग्नोस्टिक सेंटर चरम सीमा पर फल फूल रहा है सूत्र बताते हैं कि बीसीपीएम के इशारे से सीएचसी अंतर्गत आने वाले तमाम वैध या अवैध अस्पताल के अंतर्गत कार्य करने वाली तमाम आशा बहुओं को मोटा कमीशन दिया जाता है जिससे कि आशा बहू अन्य प्राइवेट अस्पतालों में प्रसव के लिए ले जाने वाले मरीज की जांच के लिए जीवन डायग्नोस्टिक सेंटर भेज सकें। जिसका बंदरबाट सभी मे किया जाता है। 

सूत्र बताते हैं अवैध जीवन डायग्नोस्टिक सेंटर सहित अन्य अवैध लैबो मे तमाम प्राइवेट अस्पताल से आने वाली जांच की रिपोर्ट में हेरफेर कर देते हैं जिससे कि मरीज के इलाज को लंबा खींचा जा सके और उस कमाई मे बंदरबांट किया जा सके।

क्या होते हैं लैब के मानक –

किसी भी पैथोलॉजी लैब को संचालित करने के लिए पैथोलॉजिस्ट, लैब टेक्नीशियन की आवश्यकता होती है वही दस्तावेजों में बायो वेस्ट सर्टिफिकेट, पॉल्यूशन व फायर ब्रिगेड विभाग द्वारा जारी सर्टिफिकेट इत्यादि दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।

क्या होते हैं अस्पताल के मानक –

किसी भी प्राइवेट अस्पताल को संचालित करने के लिए 24 घंटे अस्पताल में एक एमबीबीएस रजिस्टर्ड डॉक्टर होना चाहिए, इसके साथ-साथ दस्तावेजों में बायो वेस्ट सर्टिफिकेट पॉल्यूशन व फायर ब्रिगेड विभाग द्वारा जारी सर्टिफिकेट होना चाहिए। यदि अस्पताल में मेडिकल स्टोर चल रहा है तो संबंधित मेडिकल स्टोर में डी फार्मासिस्ट मौजूद होना चाहिए।

नगर में संचालित अस्पताल व लैब जिसमें अधिकतर अवैध –

शिव शंकर हॉस्पिटल, शिव शम्भू हॉस्पिटल, मधू हॉस्पिटल, एडवांस हॉस्पिटल, माही हॉस्पिटल, ग्लोबल हॉस्पिटल, रुद्र हॉस्पिटल, वेदांता हॉस्पिटल, एसएन हॉस्पिटल, स्टार पैथलोजी, ग्लोबल पैथालोजी, रीजेंट पैथोलॉजी, अपोलो पैथोलॉजी, साक्षी पैथोलॉजी, शारदा पैथोलॉजी, रॉय पैथोलॉजी, एवन पैथोलॉजी, ओझस पैथोलॉजी, इत्यादि अन्य।

क्या कहते हैं जिम्मेदार –

वही जब इस संबंध में सीएचसी प्रभारी डॉक्टर गणेश से बात की गई तो डॉक्टर गणेश ने बताया कि गोला नगर में छापेमारी की गई थी जिसमें एवन डायग्नोस्टिक सेंटर की जांच की गई थी तो सभी दस्तावेज पूर्ण निकले वहीं नगर का एक और लाइफलाइन जच्चा बच्चा केंद्र है जो कि गलत तरीके से चलाया जा रहा था जिसको सीज किया गया है। वही जीवन डायग्नोस्टिक सेंटर के बारे में पूछने पर बताया उसको भी देखा जाएगा। 

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