लखीमपुर : विद्यालय में पहुंचा बाघ- बच्चे और शिक्षक हुए भयभीत, छात्रों के शिक्षा पर प्रभाव

[ बाघों के पगचिन्ह ]

दैनिक भास्कर ब्यूरो ,

बांकेगंज खीरी। मैलानी वन रेंज छेत्र के जटपुरा बीट के स्थित ढाका गांव के प्राथमिक विद्यालय के परिसर में रात में बाघ घूमता देखा गया। सुबह पगचिन्ह देखे जाने पर बच्चो को विद्यालय छोड़ने पहुंचे ग्रामीण जिससे शिक्षको ओर ग्रामीणों में दहशत का माहौल देखा गया। वहीं जंगल से बाहर निकल कर खेत खलिहानों और गांव में घूमते बाघों से ग्रामीणों व बच्चों में दहशत का माहौल बढ़ता ही जा रहा है।

गोविंद कुमार निवासी ढाका ने गांव से लगभग 500 मीटर की दूरी पर स्थित प्राथमिक विद्यालय मैं बच्चों को छोड़ने पहुंचे तो मौजूद शिक्षक और बच्चे परिसर के अंदर एक क्यारी में बाघ के पगचिन्हों को देख रहे थे जिससे बाघ के पगचिन्हों को देखा गया। बताया जा रहा है बुधवार को भी विद्यालय के आसपास बाघ को देखा गया था। उन्होंने कहा कि भय के इस माहौल में नन्हे बच्चों का मन पढ़ने में कैसे लगता होगा यह विचार करने की बात है। विद्यालय के चारों ओर गन्ने के खेत हैं।

चारदीवारी भी टूटी हुई है। इससे गन्ने के खेतों में मौजूद बाघ कभी भी बच्चों पर हमला कर सकते हैं। हर समय शिक्षक और बच्चे कमरे में ही नहीं बने रह सकते पानी और अन्य आवश्यकताओं के लिए उन्हें बाहर आना ही पड़ता है। विद्यालय के आसपास जब से बाघ दिखाई देने लगा है। तब से गांव के अधिकांश लोग अपने बच्चों को स्वयं विद्यालय तक छोड़ने आते हैं। 

प्राथमिक विद्यालय ढाका के प्रधानाचार्य राजेश कुमार ने बताया कि प्रांगण में बाघ के पगचिन्ह देखे जाने से शिक्षकों और और बच्चों में दहशत का माहौल तो व्याप्त ही है। और यह भय और असुरक्षा की भावना इसलिए और बढ़ गया है। क्योंकि विद्यालय की चारदीवारी टूटी हुई है। इसे बनवाने के लिए ग्राम प्रधान और विकासखंड अधिकारी को भी पत्र लिख चुका हूं परंतु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यदि चारदीवारी बनी हो तो हम सभी में कुछ तो सुरक्षा की भावना बनी रहेगी।

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