केंद्रीय मंत्री के आंखों के सामने प्यास के मारे निकल रही मवेशियों की जान

मंडला। घाटी उतर कर आधा किलोमीटर दूर कुंआ हैं सडक़ भी उबड़ खाबड़ हैं जैसे तैसे खुद के पीने व निस्तारी के लिए पानी की व्यवस्था कर पा रहे हैं। मवेशियों के लिए अलग से पानी कहां से रखें। हमारे गांव के कुलस्ते जी केन्द्रीय मंत्री है कई बार घर जाकर पानी की समस्या बताए लेकिन दो चार दिन में पुराना कुआं का काम शुरू करने की बात कहते हैं।

गांव की आधी आबादी पानी की समस्या से जूझ रही है। यह कहना नारायणगंज विकासखंड के ग्राम ददर गांव के लोगों का है। जहां रात को लोगों को इसलिए नींद नहीं आती ताकि सुबह सबसे जल्दी कुआं पहुंच जाएं और तेज धूप पहले पानी भर लें। भोर होते ही बच्चे, बुर्जुग सभी कुआं में पानी लेने के लिए निकल जाते हैं। पानी भरने का सिलसिला दोपहर तक चलता है। तेज धूप से राहत के बाद शाम को फिर लोग पानी के लिए कुंआ पहुंच जाते हैं और अंधेरा होने तक पानी भरते हैं। इतना ही नहीं ग्राम में पानी विकराल समस्या के कारण कुछ ही समय में आधा दर्जन से अधिक मवेशियों की मौत हो गई है। लोग घर में बंधे मवेशियों को पानी तो देते हैं लेकिन जो जंगल या आसपास चरने जाता है ऐसे मवेशियों की प्यास बुझाने के लिए कोई जलस्त्रोत भी नहीं है।

जानकारी के अनुसार केंद्रीय इस्पात ग्रामीण विकास राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के ग्रह ग्राम पंचायत जेवरा के पोषक ग्राम ददर गांव के स्कूल टोला के ग्रामीण बूंद बूंद पानी को तरस रहे हैं। यहां उन्हें एक किलोमीटर नीचे बीच जंगल में कंटीली झाडिय़ों, उबड़ खाबड़ रास्तों से गुजर कर खाई में उतरकर पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं। कभी-कभी इस रास्ते में पानी लाते समय लोगों का पैर भी फिसल जाता है और घायल हो जाते हैं। बताया गया की ददर गांव में दो टोले हैं जिसमे एक स्कूल टोला और दुसरा जामुन टोला दोनो की आबादी लगभग 11 सौ के आसपास है। वहीं सबसे ज्यादा जलसंकट स्कूल टोला में हैं।

यहां लगभग तीन सौ परिवार निवासरत हैं और यहां तीन हैंडपंप चार कुआं हैं जिसमें एक से ही काम चलाना पड़ रहा हैं। सुमेर यादव, छोटेलाल यादव, महेंद्र यादव, मुन्नी बाई, सेम बाई, सीता बाई यादव, जामनी बाई, पार्वती यादव ने बताया की स्कूल के पास एक कुआं था ग्राम में जो की बरसात के समय में वह धंसक गया, जिसकी मरम्मत दो दिन पहले ही शुरू की गई है। वहीं बंद हैंडपंप की सुध लेने वाला कोई नहीं है।

कुछ कुंए है तो उनका जलस्तर नीचे चला गया है जिससे उनका पानी पीने में उपयोग नहीं किया जा सकता। ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में केंद्रीय मंत्री के घर जाकर उनसे मुलाकात कर कुँए की समस्या भी बताई थी। केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को तो जल्द से जल्द कुआं की मरम्मत व बिगड़े हैंडपंप को सुधारने के निर्देश दे दिए थे। लेकिन आज तक न कोई अधिकारी आए, न ही समस्या सुधरी। अब ग्रामीणों को बच्चे, बूढ़े, युवा, महिला, वृद्धा बड़ी संख्या में ग्राम से एक किमी दूर जंगलों से कटीले पगडंडी रास्ते से गुजर कर जाकर नीचे खाई के कुआं से पानी लाना पड़ रहा है।

मवेशियों की नहीं बुझ पा रही प्यास

ग्रामीणों ने बताया की हम तो जैसे-तैसे कहीं-कही से प्यास बुझा लेते हैं लेकिन जानवरों को पशुओं को सिर्फ दिन में ही एक मौका मिलता हैं, प्यास बुझाने का इतनी भीषण गर्मी में ग्राम से दो किमी दूर झिरिया में जाकर प्यास जानवर बुझा रहे हैं और कुछ जानवर तो वहां तक नहीं पहुंच पाते। प्यास से लगभग आधा दर्जन से अधिक मवेशी की मौत हो गई है। स्थानीय लोगों ने बताया कि दुर्जन यादव पिता सदाली यादव एक गाय, हिंदू लाल यादव पिता हल्का एक बेल, नन्हे यादव पिता रामा यादव एक बेल, मुन्ना सिंह मार्को पिता रघुवीर की एक भैंस, मोहन यादव पिता थुन्नू के दो बैल और मुकेश यादव पिता झनकू के एक बेल की मौत हो चुकी हैं।

जानिए इनका क्या कहना

बारिश में गांव का कुंआ धंसक गया था चार माह तो जैसे तैस काम चल गया लेकिन अब बढ़ती गर्मी के साथ पानी की पूर्ति करना मुश्किल हो रहा है। जेठ वैशाख की गर्मी में आधा किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा है।

केन्द्रीय मंत्री का गांव है इसके बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। चार माह से गांव का कुआं धसका हुआ है। जिसकी मरम्मत नहीं की जा रही है। जिससे ग्रामीणों को दूर से पानी लाना पड़ रहा है।
जल जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाने शासन की योजना चल रही है। इसके पूर्व पेयजल के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की गई। केन्द्रीय मंत्री के गांव में किसी योजना कृन्वयन नहीं किया गया।
उबड़ खाबड़ पगडंडी मार्ग से लोग पानी लेने जाते हैं। कई बार चोटिल भी हो चुके हैं। गांव में मवेशियों की प्यास बुझाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। प्यास के कारण मवेशियों की आए दिन मौत हो रही है।
सहमतिया बाई, स्थानीय निवासी

सुबह से रात तक लोग पानी के लिए बच्चे बूढ़े सभी भटक रहे हैं। कम से कम गर्मी के दिनो में प्रशासन को टैंकर के माध्यम से पानी पहुंचाना चाहिए। ताकि अप्रिय घटना ना घटित हो और लोगों को शुद्ध पानी मिल सके।
केन्द्रीय मंत्री व सांसद जी के पास मंडला सहित चार जिलो की कमान भी है। उनके गृह ग्राम में ही जल संकट छाया हुआ है। मवेशियों की मौत हो रही है। यह शर्म की बात है। जल संकट दूर करने का प्रयास किया जाएगा।

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