उप्र के 16 जिलों में लॉकडाउन जारी, जरूरी सेवाओं को छोड़ सब कुछ बंद

सभी जिलों की सीमाएं सील, आवागमन पूर्णतः प्रतिबंधित

– मुख्यमंत्री योगी की अपील, कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में करें सहयोग

लखनऊ । कोरोना वायरस के खिलाफ देशव्यापी जंग में सोमवार सुबह से ही उत्तर प्रदेश के 16 जिलों में तीन दिन तक के लिए लॉकडाउन जारी है। जरूरी सेवाओं को छोड़कर इन जिलों में सब कुछ बंद है। सभी जिलों की सीमाएं सील हैं और आवागमन को पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया गया है।

लॉकडाउन के दौरान लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी गई है। यदि कोई नियम तोड़ता है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई होगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से लॉकडाउन को गंभीरता से लेने की अपील की है। उन्होंने ट्वीट किया हैं लोग घरों में रहकर स्वयं एवं अपने परिवार को बचाएं। योगी ने यह भी कहा है कि लोग निर्देशों का पालन करें और इस महामारी के विरुद्ध लड़ाई में सरकार के साथ मिल कर काम करें।

इन जिलों में है लॉकडाउन
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लखनऊ, आगरा, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, वाराणसी, लखीमपुर खीरी, बरेली, आजमगढ़, कानपुर, मेरठ, प्रयागराज, अलीगढ़, गोरखपुर, सहारनपुर और पीलीभीत में 25 मार्च तक लाॅकडाउन है।

लखनऊ में 31 मार्च तक के लिए आज विधानसभा सचिवालय भी बंद कर दिया गया। लाॅकडाउन वाले सभी जिलों की सीमाएं सुबह से ही सील हैं। प्रयागराज के जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि आवश्यक सेवाओं के अलावा सब कुछ बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि गैस सिलेंडर के ट्रक और तेल के टैंकर चल रहे हैं। मेडिकल स्टोर, एटीएम और बैंक के अलावा हर मोहल्ले में राशन और सब्जी की कुछ दुकानों को खोलने दिया गया है। उधर वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि जिले के सीमाओं को 25 मार्च तक सील रखा जायेगा। तीन दिन तक कोई भी वाराणसी जिले में आ नहीं सकता है। उन्हों बताया कि मेडिकल इमरजेंसी को छूट दी गई है।

लखनऊ में सीएए विरोधी धरना स्थगित
राजधानी लखनऊ के घंटाघर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में पिछले 66 दिनों से चल रहा प्रदर्शन भी आज भोर में स्थगित कर दिया गया। धरने पर बैठी महिलाओं ने पुलिस आयुक्त को लिखित में बताया कि कोरोना वायरस के चलते वे अपने धरने को स्थगित कर रही हैं। हालांकि सांकेतिक रुप में महिलाओं ने धरना स्थल पर अपने दुपट्टे छोड़ गई हैं।

प्रयागराज के मंसूर अली पार्क में जिला और पुलिस प्रशासन के समझाने के बावजूद सीएए के विरोध में ढाई महीने से चल रहा धरना अभी भी जारी है। हालांकि लॉकआउट की घोषणा के बाद आज वहां प्रदर्शनकारियों की संख्या काफी कम दिखाई दी।

लॉकडाउन में इन पर प्रतिबंध नहीं
लॉकडाउन के दौरान जरूरी सेवाओं पर प्रतिबंध नहीं है। आवश्यक सेवाओं में स्वास्थ्य सेवाएं, दवा की दुकान, चिकित्सकीय उपकरण, दवाइयों की निर्माण इकाइयां, फल, सब्जी, दूध, डेरी, खाद्य सामग्री, कृषि उत्पाद एवं उनसे संबंधित निर्माण इकाइयां, पशु चिकित्सा एवं पशु आहार से संबंधित इकाइयां, डाक सेवाएं, बैंक, एटीएम, बीमा कंपनियां, पुलिस, सशस्त्र बल एवं अर्द्धसैन्य बल, जिला प्रशासन, बिजली के दफ्तर व बिलिंग सेंटर, पेट्रोल पंप, एलपीजी गैस, मीडिया, राज्य संपत्ति विभाग, सूचना, जनसंपर्क एवं सूचना प्रौद्योगिकी, अग्नि शमन एवं सिविल डिफेंस, आपात कालीन सेवाएं, टेलीफोन, इंटरनेट, डेटा सेंटर, नेटवर्क सर्विसेज, आईटी से जुड़ी और संबंधित सेवाएं प्रतिबंध से मुक्त रखी गई हैं।

आवश्यक सेवाओं को छोड़कर समस्त सरकारी कार्यालय, शैक्षणिक संस्थान, अर्द्धसरकारी उपक्रम, स्वायत्तशासी संस्थाएं, राजकीय निगम व मंडल, समस्त व्यापारी प्रतिष्ठान, निजी कार्यालय, मॉल्स, दुकानें, फैक्ट्रियां, वर्कशाप, गोदाम एवं सार्वजनिक परिवहन को पूर्णतया प्रतिबंधित किया गया है। हालांकि आपात स्थिति में परिवहन के लिए परमिट जारी करने मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव गृह, प्रमुख सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा संबंधित जनपद के जिला कलेक्टर, पुलिस आयुक्त अथवा उनके द्वारा नामित अधिकारी को अधिकृत किया गया है।

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