महोबा। महोबा सदर कोतवाली परिसर पर बने सरकारी आवास में शुक्रवार को एक दरोगा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। ये दरोगा सदर कोतवाली में तैनात था जो स्थानांतरण के बाद प्रयागराज से यहां मालखाने का चार्ज देने आया था। घटना की सूचना पाते ही पुलिस के आला अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर घटना की सूचना परिजनों को भेजी है।
कानपुर नगर के सजेती थाना क्षेत्र के कमलापुर गांव निवासी रमाकांत सचान (58) महोबा सदर कोतवाली में मुख्य आरक्षी के पद पर तैनात था। एसआई के प्रमोशन के बाद कुछ माह पूर्व इसका स्थानांतरण इलाहाबाद हो गया था। सदर कोतवाली के मालखाने का चार्ज दिये बिना वह इलाहाबाद चला गया था। बताया जाता है कि रमाकांत सचान को चार्ज देने के लिये अधिकारियों ने उसे सूचना भेजी थी। अधिकारियों के निर्देश के बाद ये दरोगा सदर कोतवाली महोबा चार्ज देने आया था। गुरुवार को मालखाने के चार्ज के हस्तांतरण की कार्यवाही होती रही। ये दरोगा शुक्रवार को सुबह कोतवाली परिसर में बने आवास से बाहर निकला और परिसर में इधर उधर घूमने के बाद वह अपने आवास चला गया। कुछ घंटे बाद इसने अपने आवास में पंखे में फांसी के फंदे पर झूल गया।
कोतवाली से कुछ सिपाही उसे बुलाने आवास पहुंचे तो दरवाजा खटखटाने के बाद नहीं खुला। इस पर प्रभारी निरीक्षक मौके पर पहुंचे और अधिकारियों को इसकी सूचना दी। आवास का दरवाजा खोलकर पुलिस अंदर पहुंची तो दरोगा को फांसी के फंदे पर लटकता देख सभी सकते में आ गये। सीओ सदर और पुलिस अधीक्षक भी घटनास्थल पहुंचे। पुलिस कर्मियों ने दरोगा के शव को फांसी के फंदे से नीचे उतारकर कब्जे में लिया। घटना की जानकारी परिजनों को दी गयी।
पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार ने बताया कि ये घटना पुलिस परिवार के लिये दुःखद है। दरोगा रमाकांत सचान का व्यवहार काफी कुशल था। इनका प्रयागराज स्थानांतरण हुआ था। सदर कोतवाली के मालखाने का चार्ज देने ये यहां आये थे। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दरोगा ने आत्महत्या किन कारणों से की इसका जांच करायी जा रही है। मौके से आत्महत्या करने सम्बन्धी कोई सुसाइड नोट नहीं लिया। बता दे कि मृतक दरोगा का एक पुत्र शिमला में निजी कम्पनी में कार्यरत है।