Mann Ki Baat: युवा वर्ग को अराजकता, जातिवाद और परिवारवाद से नफरत : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश की युवा पीढ़ी की सराहना करते हुए कहा कि युवा हर दिन कुछ नया करना चाहते हैं। देश के युवा सही व्यवस्था को पसंद करते हैं और इसका पालन नहीं करने वालों का पूरी दृढ़ता से प्रतिकार भी करते हैं। नई पीढ़ी को अराजकता, अव्यवस्था, जातिवाद और परिवारवाद से नफरत है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस साल के आखिरी मन की बात को सम्बोधित करते हुए कहा कि तीन दिन बाद हम 21वीं सदी के तीसरे दशक में प्रवेश करेंगे। उन्होंने देशवासियों को नये साल की अग्रिम बधाई देते हुए कहा कि इस दशक के बारे में एक बात निश्चित है कि इसमें, देश के विकास को गति देने में 21वीं सदी में जन्म लेने वाले युवा सक्रिय भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे युवाओं को आज मिलेनीअल, जनरेशन जेड और सोशल मीडिया जनरेशन आदि शब्दों से पहचाना जाता है।

उन्होंने कहा कि हमारे देश के युवा सही व्यवस्था को पसंद करते हैं यदि कभी व्यवस्था ठीक ढंग से काम नहीं करती तो वे बैचेन भी हो जाते हैं और हिम्मत के साथ व्यवस्था से सवाल भी करते हैं। मोदी ने कहा कि वह इसे अच्छा मानता हैं। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे या सिनेमा हॉल की कतार में बीच में किसी के घुसने पर सबसे पहले आवाज युवा ही उठाते हैं। युवा ऐसी घटनाओं के वीडियो भी बनाते हैं और वह देखते ही देखते वायरल भी हो जाते हैं। ऐसे में गलती करने वाले को अहसास होता है उसने गलत किया था।

प्रधानमंत्री ने स्वामी विवेकानंद के कथन का उल्लेख करते हुए कहा कि युवावस्था की कीमत को ना तो आंका जा सकता है और ना ही इसका वर्णन किया जा सकता है। यह जीवन का सबसे मूल्यवान कालखंड होता है। आपका भविष्य और आपका जीवन, इस पर निर्भर करता है कि आप अपनी युवावस्था का उपयोग किस प्रकार करते हैं। उन्होंने आने वाली 12 जनवरी को विवेकानंद जयंती के निमित युवा वर्ग से देश के प्रति अपने कर्तव्य पर चिंतन कर कोई संकल्प लेने का आह्वान किया।

स्वामी विवेकानंद ने कन्याकुमारी में स्थित जिस शिला (रॉक) पर अंतर्ध्यान किया था उस रॉक मेमोरियल को पचास वर्ष पूरे हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कन्याकुमारी, देश और दुनिया के लिए एक आकर्षण का केंद्र बना है। राष्ट्रभक्ति से भरे हुए आध्यात्मिक चेतना को अनुभव करना चाहने वाले, हर किसी के लिए, ये एक तीर्थ-क्षेत्र बना हुआ है, श्रद्धा-केंद्र बना हुआ है। स्वामी के स्मारक ने, हर पन्थ, हर आयु के, वर्ग के लोगों को, राष्ट्रभक्ति के लिए प्रेरित किया है।‘दरिद्र नारायण की सेवा’, इस मन्त्र को जीने का रास्ता दिखाया है। जो भी वहां गया, उसके अन्दर शक्ति का संचार हो, सकरात्मकता का भाव जगे, देश के लिए कुछ करने का जज्बा पैदा हो – ये बहुत स्वाभाविक है।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी पिछले दिनों रॉक मेमोरियल गए थे वहीं उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू गुजरात के कच्छ के रण में उत्तमरणोत्सवहोता में शामिल हुए थे। ऐसे में आप सभी को भी भारत में ही ऐसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों पर जाना चाहिए।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

थाईलैंड – कंबोडिया सीमा विवाद फिर भड़का तारा – वीर ने सोशल मीडिया पर लुटाया प्यार हिमाचल में तबाही, लापता मजदूरों की तलाश जारी न हम डरे हैं और न यहां से जाएंगे एयर इंडिया विमान हादसे पर पीएम मोदी की समीक्षा बैठक