माओवादियों ने लगाए पोस्टर, CM और परिवहन मंत्री को दी जान से मारने की धमकी

कोलकाता। पश्चिम बंगाल विगत तीन सालों से माओवाद प्रभावित राज्यों की सूची से बाहर निकल चुका है। लेकिन, हाल के कुछ महीनों से राज्य के जंगली इलाके में माओवादियों की सक्रियता एक बार फिर तेज हो गई है। बुधवार को झाड़ग्राम जिले में चार माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है। उसके ठीक 24 घंटे के बाद गुरुवार सुबह मेदनीपुर से सटे जंगलमहल इलाके के मोड़ाकाटा गांव में सड़क के किनारे माओवादियों का पोस्टर मिला है। इसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और परिवहन मंत्री को जान से मारने की धमकी दी गई है।

भाकपा-माओवादी की ओर से लाल स्याही से लिखा यह पोस्टर लगाया गया है। इसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी समेत राज्य के कई अन्य विधायक व मंत्रियों के खिलाफ हिंसक गतिविधियां चलाने की चेतावनी दी गई है। इस पोस्टर में माओवादियों ने जंगलमहल के आदिवासियों को एक होकर तृणमूल के खिलाफ खड़ा होने का आह्वान किया है। हाल ही में भूख और इलाज के अभाव में 08 आदिवासियों की मौत जंगलमहल क्षेत्र में हुई है। इसके बाद इस पोस्टर में मुख्यमंत्री समेत राज्य के कई मंत्रियों पर भ्रष्टाचार और आदिवासियों की अनदेखी का आरोप लगाया गया है। इसके खिलाफ हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने की चेतावनी दी गई है।

लाल स्याही के जरिए हाथ से लिखे इस पोस्टर पर नजर पड़ने के बाद लोगों ने पुलिस को सूचना दी थी। मौके पर पहुंचे प्रशासन के अधिकारियों ने इसे जब्त कर जांच शुरू कर दी है। मेदनीपुर शहर से पांच किलोमीटर दूरी पर स्थित गुड़गुरीपाल थाना क्षेत्र में यह मोड़ाकाटा गांव पड़ता है। इसमें एक पोस्टर में मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार और आदिवासियों की अनदेखी का आरोप लगाया गया है तो दूसरे में राज्य के परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी को सबसे भ्रष्ट और हिंसक बताया गया है। इसके साथ ही उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई है। इसके साथ ही सालबनी से तृणमूल के विधायक श्रीकांत महतो पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है और उन्हें भी परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई है। इसमें पूछा गया है कि विधायक ने ऐसा क्या काम किया है कि दिनों-दिन उनकी संपत्ति बढ़ती जा रही हैं। मुख्यमंत्री को इसका जवाब दिया जाना चाहिए।

इस बारे में प्रतिक्रिया के लिए राज्य के जिला पुलिस अधीक्षक आलोक राजोरिया को फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया और ना ही मैसेज का जवाब दिया। गौरतलब है कि पश्‍चिम मेदिनीपुर से मंगलवार को माओवादी होने के संदेह में चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इनके नाम सब्यसाची गोस्वामी, संजीव मजूमदार, प्रदीप गोस्वामी और टीपू सुल्तान हैं। आरोपितों के पास से माओवादी पोस्टर सहित कई जरूरी दस्तावेज पुलिस ने बरामद किये। माओवादी नेता किशन सिंह की मौत के बाद जंगलमहल में माओवादियों की पैठ बहुत कम हो गयी थी, लेकिन अब माओवादी जंगलमहल में पुनः अपनी खोई जमीन को तैयार करने में लगे हैं। आईएस, तालिबान और अल कायदा की तरह आतंकवादी संगठनों के बाद विश्‍व का चौथा सबसे बड़ा उग्रवादी संगठन माओवादियों का है। भारत के तकरीबन 53 प्रतिशत हमलों में माओवादियों का हाथ रहता है।

कुछ दिन पहले ही अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में होने वाले 53 प्रतिशत आतंकी हमलों में माओवादियों का हाथ रहता है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2017 में माओवादी हमलों की संख्या कम हुई है। वर्ष 2016 में माओवादी हमलों की संख्या 338 थी। जबकि वर्ष 2017 में यह संख्या कम होकर 295 रह गयी। हालांकि माओवादी हमलों की संख्या जरूर कम हुई है, लेकिन इन हमलों में होने वाले मौतों की संख्या 16 फीसदी बढ़ गयी है। घायलों की संख्या में भी 50 प्रतिशत तक इजाफा हुआ है।

 

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