(पश्चिम बंगाल). पश्चिम बंगाल के गंगारामपुर में तृणमूल कांग्रेस के नेता के नेतृत्व में भीड़ ने दो महिलाओं को बांधकर सड़कों पर घसीटा और उनके साथ मारपीट की। बताया गया है कि महिला शिक्षक ने सड़क निर्माण के लिए अपनी जमीन हड़पे जाने का विरोध किया था। इस पर नाराज तृणमूल समर्थकों ने उसे बांधकर करीब 30 फीट तक सड़क पर घसीटा। जब उसकी बड़ी बहन ने विरोध किया तो उसे भी जमीन पर गिरा दिया गया। दोनों के साथ गाली-गलौज और अभद्र व्यवहार किया गया।
यह घटना 31 जनवरी को नंदनपुर ग्राम पंचायत क्षेत्र में हुई थी। महिला का नाम स्मृति काना दास है। वह पास के ही एक स्कूल में टीचर है। वह अपनी मां के साथ फाटा नगर गांव में रहती है। महिला ने पांचों आरोपियों के खिलाफ रविवार को केस दर्ज कराया। हालांकि, इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
The primary school teacher has registered a police complaint against 5 people. Investigation is underway. District TMC leadership has expelled Amal Sarkar, who was accused of being a part of the group which assaulted the teacher. (02.02.2020) #WestBengal https://t.co/IbH8PTClpB
— ANI (@ANI) February 2, 2020
महिलाओं का आरोप- सड़क के लिए ज्यादा जमीन घेरने से नुकसान हो रहा था
महिला ने आरोप लगाया कि स्थानीय तृणमूल नेता अमल सरकार के नेतृत्व में उसके साथ मारपीट की गई। दोनों महिलाओं के अनुसार, पहले उन्हें बताया गया था कि उनके घर के सामने बनी सड़क 12 फीट चौड़ी होगी। तब वे जमीन देने के लिए तैयार हो गई थीं। लेकिन फिर पंचायत ने सड़क को 24 फीट चौड़ा करने का फैसला किया, जिसके बाद उन्हें अपनी जमीन का ज्यादा नुकसान होता, जिसका उन्होंने विरोध किया।
Bengal woman teacher, sister tied, dragged. Trinamool leader led assault.
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— NDTV Videos (@ndtvvideos) February 3, 2020
जांच पूरी होने तक पार्टी से निलंबित
तृणमूल की जिला प्रमुख अर्पिता घोष ने रविवार को पंचायत नेता अमल सरकार को निलंबित करने के आदेश जारी किए। अर्पिता घोष ने कहा कि आरोपी तृणमूल नेता पार्टी से जांच पूरी होने तक निलंबित रहेगा। हम इस मामले में जांच कर रहे हैं।
महिला भाजपा कार्यकर्ता: भाजपा सांसद
हालांकि, भाजपा का दावा है कि महिला भाजपा कार्यकर्ता है। बालुरघाट से भाजपा सांसद सुकांता मजुमदार ने कहा कि महिला हमारे पार्टी की कार्यकर्ता है। उसकी जमकर पिटाई की गई। केवल तृणमूल ही हमारे कार्यकर्ताओं पर इस तरह के भयावह हमले कर सकती है। इससे साफ पता चलता है कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति क्यों खराब हुई है।