सर्वदलीय बैठक में विधायकों का हंगामा, कहा- जब-तक मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं, तब-तक नहीं करने देंगे प्रशासन को काम

महाराष्ट्र । महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इस दौरान प्रदर्शन किए जा रहे हैं। नांदेड़ जिले के पुलिस अधीक्षक श्रीकृष्ण कोकाटे मंगलवार शाम मराठा आरक्षण की मांग के समर्थकों द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान पथराव में घायल हो गए। इसकी जानकारी एक अधिकारी ने दी।

विशेष विधानसभा सत्र की मांग

मराठा आरक्षण को लेकर लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है। आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में जमकर हंगामा देखने को मिला। इस दौरान मराठा समुदाय को आरक्षण की मांग के समर्थन में विभिन्न दलों के विधायकों के एक समूह ने महाराष्ट्र सचिवालय ‘मंत्रालय’ के पास विरोध प्रदर्शन किया।

अजित पवार के नेतृत्व वाले राकांपा समूह, शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के प्रदर्शनकारी विधायक सचिवालय भवन की सीढ़ियों पर हाथों में समर्थन के लिए लिखे गए संदेश लेकर बैठ गए।

पुलिस ने बताया कि कुछ विधायकों ने यह कहते हुए मंत्रालय के गेट पर ताला लगाने की कोशिश की कि जब तक मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं मिल जाता, वे प्रशासन को काम नहीं करने देंगे।

शिंदे ने की सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई में मराठा आरक्षण पर सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान बैठक में डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस, सीएम एकनाथ शिंदे, NCP प्रमुख शरद पवार सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।

शिंदे सर्वदलीय बैठक के लिए पहुंचे गेस्ट हाउस

मराठा आरक्षण पर सर्वदलीय बैठक के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मुंबई के शैयाद्री गेस्ट हाउस पहुंचे। मराठा आरक्षण समर्थकों ने मराठा आरक्षण मुद्दे पर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और नारे लगाए।

प्रदर्शन में अब तक 400-500 लोगों के खिलाफ केस दर्ज

मराठा आरक्षण को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। कल पुणे शहर में नवले ब्रिज के पास मराठा आरक्षण समर्थक विरोध प्रदर्शन हुआ। इस दौरान पुणे-बेंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग 48 को अवरुद्ध करने और टायर जलाने के लिए 400-500 (लगभग) लोगों पर मामला दर्ज किया है।

पुणे पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, अब तक 10 लोगों की पहचान की जा चुकी है और अन्य की पहचान करने की प्रक्रिया जारी है. प्रदर्शनकारियों पर सिंहगढ़ रोड पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 143, 146, 188,336 के तहत मामला दर्ज किया गया।

आरक्षण की मांग को लेकर एकत्र हुए लोग

उन्होंने बताया कि यह घटना जिले के कुशनूर इलाके में हुई जहां सैकड़ों मराठा कार्यकर्ता समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर एकत्र हुए थे। अधिकारी ने बताया कि कोकाटे ने आंदोलनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की लेकिन उन पर पत्थर फेंके गए और उनके हाथ में चोट लग गई। उन्होंने बताया कि घटना में कम से कम 40 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

25 अक्टूबर को आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जारंगे द्वारा भूख हड़ताल शुरू करने के बाद मराठा समुदाय का आंदोलन तेज हो गया है और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में हिंसक रूप ले लिया है।

विधायक के आवास पर हुई तोड़फोड़

मराठा आरक्षण के लिए नारे लगा रहे दो लोगों को मुंबई के कोलाबा में आकाशवाणी के पास विधायकों के आवास पर राज्य मंत्री और राकांपा नेता हसन मुश्रीफ की कार में तोड़फोड़ करते देखा गया। पुलिस ने इस सिलसिले में तीन लोगों को हिरासत में लिया है। इसकी जानकारी पुलिस ने दी।

शिंदे ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

मराठा आरक्षण मुद्दे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसक रूप ले चुके मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच राज्य की स्थिति पर चर्चा करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। लेकिन उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना (यूबीटी शिवसेना) को इस बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है।

यूबीटी शिवसेना के सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया कि सर्वदलीय बैठक में उनकी पार्टी के सांसदों और विधायकों को आमंत्रित नहीं किया गया है। राउत ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में केवल महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे को बुलाया गया है।

सर्वदलीय बैठक में शिवसेना गुट को नहीं मिला निमंत्रण

महाराष्ट्र सरकार द्वारा मराठा आरक्षण पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं। विधायकों के घरों को आग लगाई जा रही है। राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र में राजनीतिक दलों को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए एक साथ आना चाहिए। उन्होंने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है जिसमें लगभग 20-25 लोगों को बुलाया गया है, लेकिन उनकी बैठक में शिवसेना के सांसदों या विधायकों को नहीं बुलाया गया है। मराठा आरक्षण मुद्दे पर कोई समाधान निकाला जाना चाहिए।

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