उद्धव ठाकरे का बड़ा बयान: राम मंदिर के लिए आंदोलन जरूरी है तो आरएसएस क्यों नहीं गिरा देती सरकार

मुंबई: राम मंदिर पर हो रही राजनीति को लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कड़ा रूख अपनाया है. उन्होंने आरएसएस के बयान पर बोला की अगर देश में राम मंदिर के लिए आंदोलन जरूरत है तो वह केंद्र की सरकार को ही क्यों नहीं गिरा देती। बता दें राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने इससे पहले कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो इसके लिए वह इस मुद्दे पर आंदोलन शुरू करने से भी नहीं हिचकिचाएंगे.इस बयान के बाद  सेना मुख्यालय में मीडिया के साथ बात करते हुए ठाकरे ने कहा कि मोदी सरकार ने आरएसएस के समूचे एजेंडे को नजरअंदाज किया है.

  • उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद राम मंदिर का मुद्दा दरकिनार कर दिया गया.
  • जब शिवसेना ने मुद्दा उठाया और मंदिर निर्माण पर जोर देने का फैसला किया तो आरएसएस अब इस मांग पर जोर देने के लिए आंदोलन की जरूरत महसूस कर रहा है.
  • ठाकरे ने कहा कि एक मजबूत सरकार होने के बावजूद अगर आप (आरएसएस) किसी आंदोलन की जरूरत महसूस करते हैं तो इस सरकार को गिरा क्यों नहीं देते.
  • इससे पहले आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन पर संघ महासचिव भैयाजी जोशी ने शुक्रावार को कहा कि संघ अगर जरूरत पड़ी तो राम मंदिर के लिए आंदोलन छेड़ने से नहीं हिचकिचाएगा लेकिन इस मामले में रोक लगी है क्योंकि मामला उच्चतम न्यायालय में है.
  • शिवसेना प्रमुख ने कहा कि आरएसएस के कठिन-कठोर काम के चलते भाजपा केन्द्र में सत्ता में आई, लेकिन उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान का अनुच्छेद 370 निरस्त करने और समान नागरिक संहिता लागू करने समेत संघ के समूचे एजेंडा को अब ताक पर रख दिया गया है. ठाकरे ने दावा किया कि जब मैंने राम मंदिर का मुद्दा उठाया और 25 नवंबर अयोध्या जाने की घोषणा की तो दूसरे लोगों ने भी मुद्दे पर चर्चा करना शुरू कर दिया.

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें