मासूम के साथ हैवानियत, फिर उतरा मौत के घाट, कोर्ट ने 37 दिन में सुनाई सजा-ए-मौत

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 6 साल की मासूम से रेप और उसकी हत्या किए जाने के मामले में अदालत ने एक मिसाल कायम करते हुए आरोपी को ‘सजा-ए-मौत’ सुनाई है. पीड़ित बच्ची के परिजन इसे उनके साथ इंसाफ करार दे रहे हैं.

37 दिन पुरानी इस घटना में आरोपी जितेंद्र कुशवाहा को 6 साल की मासूम बच्ची के साथ रेप का दोषी पाया गया था. इसके बाद इस मामले में तेजी से सुनवाई की गई और ठीक 37 दिस इस मामले में पंचम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्रीमती संगीता सिंह ने दोषी को मौत की सजा सुना दी.

दुष्कर्म की शिकार बच्ची के परिजनों को इस मामले में न्याय मिल गया है. बहुचर्चित दुष्कर्म और हत्या के इस सनसनीखेज मामले में जितेंद्र कुशवाहा को फांसी की सजा मिलने पर लोगों ने खुशी जाहिर की.

 यह मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा था

जिसमें आरोपी जितेंद्र कुशवाहा को दोषी पाया गया था. हालांकि अपनी सफाई में जितेंद्र ने खुद को बेगुनाह बताया. उसका कहना था कि 21 जून यानी घटना की रात वह डबरा में मौजूद था. जबकि घटना कहीं और हुई है.

अभियोजन पक्ष ने उसे फांसी देने की मांग की थी. जबकि बचाव पक्ष ने उसके जीवन का अंत ना करने की अपील अदालत से की. लेकिन कोर्ट ने आरोपी को धारा 376एबी के तहत फांसी की सजा सुनाई है.

गौरतलब है कि 21 जून की रात ग्वालियर के एक सुनसान इलाके में आरोपी 6 साल की बच्ची को बहला फुसला कर अपने साथ ले गया था. फिर उसके साथ उसने दरिंदगी की थी. यही नहीं खुद को बचाने के लिए आरोपी ने मासूम को दरिंदगी के बाद मौत के घाट उतार दिया था और उसकी लाश बाहरी इलाके में फेंक दी थी.

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