नसीरुद्दीन का पलटवार, कहा-अपना देश संभाले इमरान, हमें पता है अपना ध्यान रखना …

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फ़िल्मी जगत के जाने माने एक्टर नसीरुद्दीन शाह के बयान पर इन दिनों सोशल मीडिया पर जंग छिड़ी हुई है.इन दिनों  जिसे देखो वहीं नसीरुद्दीन के इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देने में लगा हुआ है।  एक ओर जहां देश में नसीरुद्दीन शाह के बयान पर खूब चर्चाएं हो रही हैं।

इमरान खान  ने बयान पर नसीरुद्दीन शाह ने ही पाकिस्तानी पीएम की बोलती बंद कर दी है और उन्हें अपना देश संभालने की नसीहद दे डाली है। दरअसल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में लाहौर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए नसीरुद्दीन शाह के बयान और मोहम्मद अली जिन्ना द्वारा कही गई बात की तुलना की थी।

हालांकि पाकिस्तानी पीएम इमरान खान के बयान पर नसीरुद्दीन शाह ने करार जवाब दिया है। एक मीडिया हाउस से बात करते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि “मुझे लगता है कि मिस्टर खान को अपने देश में चल रहे मुद्दों पर बात करनी चाहिए, ना कि उन मुद्दों पर जिनका उनसे कोई वास्ता नहीं है। हम 70 सालों से लोकतांत्रिक हैं और हमें पता है कि हमें अपना ध्यान कैसे रखना है।”

बता दें कि एक इंटरव्यू के दौरान नसीरुद्दीन शाह ने कहा था कि “देश में एक गाय की मौत एक पुलिस अफसर की मौत से ज्यादा अहम हो गई है। मुझे डर लगता है कि कल को कोई भीड़ उनके बच्चों को घेर लेगी और उनसे पूछेगी कि तुम एक हिंदू हो या मुसलमान? लेकिन इसका उनके पास कोई जवाब नहीं होगा। और फिलहाल उन्हें यह स्थिति जल्द सुधरती दिखाई नहीं दे रही है।” नसीरुद्दीन शाह ने ये बात बुलंदशहर में गोहत्या के बाद भड़की हिंसा के संदर्भ में कही थी। जिसके बाद कई दक्षिणपंथी संगठनों ने उनकी आलोचना भी की है।

नसीरुद्दीन शाह का समर्थन करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा,

मोदी सरकार कोअल्पसंख्यकों के साथ अच्छा व्यवहार करना नहीं आता है। भारत में लोग कह रहे हैं कि अल्पसंख्यकों के साथ समान नागरिकों की तरह व्यवहार नहीं हो रहा है। इमरान खान यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि यदि कमजोर को न्याय नहीं दिया गया तो इससे विद्रोह ही उत्पन्न होगा।

अपनी बात को साबित करने के लिए इमरान खान ने उदाहरण दिया कि पूर्वी पाकिस्तान के लोगों को उनके अधिकार नहीं दिए गए जो कि बांग्लादेश निर्माण के पीछे मुख्य कारण था। ऐसी कुछ स्थिति अब बनती नजर आ रही है। इमरान ने कहा कि हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों को उनके उचित अधिकार मिले। यह देश के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना का भी दृष्टिकोण था।

ये था पूरा मामला

बता दें कि नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि भारत में निरंकुश भीड़ का कानून अपने हाथ में ले लेने से उन्हें अपने बच्चों के लिए डर लगता है। शाह के इस बयान पर इमरान खान ने कहा कि “मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा था कि वह भारत में नहीं रहना चाहते, क्योंकि वहां मुस्लिमों को बराबरी का दर्जा नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही इमरान खान ने अपने देश में अल्पसंख्यकों को बराबरी का हक देने की वकालत की। इमरान खान ने कहा कि हमें पाकिस्तान में ये बात साबित करनी है कि यहां सभी अल्पसंख्यकों को बराबरी का हक मिले….नरेंद्र मोदी के भारत को हमें ये दिखाना है कि हम अल्पसंख्यकों के साथ कैसा बर्ताव करते हैं।”

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