निकिता केस: महापंचायत में शामिल हर शख्‍स को कोरोना का खतरा, गिरफ्तार 28 में से तीन निकले संक्रमित 

फरीदाबाद :  निकिता तोमर के लिए रविवार को न्‍याय मांगने जो लोग जुटे थे, उन्‍हें कोरोना वायरस का खतरा है। पुलिस ने महापंचायत के दौरान हिंसा के लिए जिन 28 लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें से तीन कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए हैं। अब पुलिस की तरफ से एडवायजरी जारी की जा रही है कि जो वहां मौजूद थे, वे खुद को 10 दिन के लिए होम क्‍वारंटीन कर लें। द इंडियन एक्‍सप्रेस के अनुसार, पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद सबका टेस्‍ट कराया था। तीन की रिपोर्ट्स पॉजिटिव आने के बाद हड़कंप मच गया। यह महापंचायत बल्‍लभगढ़ के दशहरा मैदान में बुलाई गई थी जिसमें 36 बिरादरियों सहित सभी राजनीतिक दलों से लोग शामिल हुए थे।

‘सुपरस्‍प्रेडर’ साबित हो सकता है ये इवेंट
महापंचायत में शामिल तीन लोगों के कोरोना पॉजिटिव मिलने से प्रशासन की टेंशन बढ़ गई है। ये लोग भीड़ का हिस्‍सा थे और वहां सोशल डिस्‍टेंसिंग के नियम ताक पर रखे गए। ऐसे में बहुत सारे लोगों में संक्रमण फैलने की आशंका है। फरीदाबाद में पहले से ही रोज 300 मामले आ रहे हैं। ऐसे में यह महापंचायत एक ‘सुपरस्‍प्रेडर’ इवेंट बन सकती है। डिप्‍टी कमिश्‍नर यशपाल ने द इंडियन एक्‍सप्रेस से बातचीत में कहा, “इतने गंभीर हालात होने के बावजूद कुछ लोगों ने रविवार को महापंचायत बुलाई… जो भी पॉजिटिव टेस्‍ट हुए हैं, वो लगातार भीड़ में सबसे घुल-मिल रहे थे और स्‍टेज के भी पास थे। लोगों ने मास्‍क नहीं लगाए थे और सोशल डिस्‍टेंसिंग भी फॉलो नहीं कर रहे थे।” 

महापंचायत में जमकर हुआ था बवाल
एक ओर जहां दशहरा मैदान में महापंचायत बुलाई। दूसरी तरफ, सैकड़ों युवाओं ने राजनीति का आरोप लगाते हुए महापंचायत का बहिष्कार कर हाइवे जाम कर दिया। इसी बीच पथराव, आगजनी और दुकानों में तोड़फोड़ शुरू हो गई, जिससे पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। घटना में पुलिसकर्मियों सहित 35 से ज्यादा लोग घायल हो गए। पुलिस सूत्र इशारा कर रहे हैं कि जिन असामाजिक तत्वों ने फरीदाबाद का माहौल खराब करने की कोशिश की है, उनमें से 2 नोएडा से, 3 दिल्ली से, 3 पलवल से, 1 गुड़गांव से और 2 मेवात के रहने वाले हैं।

हापंचायत में कैसे भड़की हिंसा, पूरी कहानी

  • पंचायत के दौरान करीब 12 बजे कुछ युवा हंगामा करने लगे। उनका आरोप था कि यहां निकिता को न्याय दिलाने के लिए आए थे, लेकिन लोग यहां राजनीति कर रहे हैं। युवकों ने आवाज लगाई तो भीड़ राष्ट्रीय राजमार्ग की तरफ चल पड़ी।
  • लोग हाइवे के बल्लभगढ़ फ्लाईओवर पर चढ़ गए और नारेबाजी करने लगे। हाइवे जाम कर दिया। पुलिस ने रोकने का प्रयास किया, लेकिन युवकों की संख्या ज्यादा होने के कारण पुलिसकर्मी शांत ही रहे। तभी सड़क के बीच में घास फूस डालकर उसमें आग लगा दी गई।
  • पुलिस बल बढ़ने पर जाम खुलवाने की कोशिश शुरू हुई। पुलिस चाहती थी कि लोग एक साइड से हटकर दूसरी तरफ चले जाएं। इसके लिए धीरे-धीरे लोगों को सब्जी मंडी के कट तक ले जाना शुरू किया।
  • यहां अज्जी कॉलोनी स्थित एक बिरयानी की दुकान व ढाबे का बोर्ड देखते ही भीड़ भड़क गई और ढाबे पर तोड़फोड़ शुरू कर दी। पुलिस के कुछ जवान उन्हें रोकने के लिए आगे आए तो भीड़ उनसे भिड़ गई। बात बिगड़ती देख पुलिस बल हाइवे की रेलिंग पार कर ढाबे की तरफ गया, लेकिन तब तक लोगों ने ढाबे के बोर्ड व काउंटर तोड़ डाले।
  • मामला बिगड़ता देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इससे घायल लोग भड़क गए और कॉलोनी की गलियों से पथराव शुरू कर दिया। पुलिस कर्मियों ने भागकर अपनी जान बचाई। गुस्से लोग पथराव करते हुए बल्लभगढ़ फ्लाईओवर तक आए गए।

रविवार को बुलाई गई सर्व समाज की इस महापंचायत के लिए पुलिस प्रशासन से आयोजकों ने कोई अनुमति नहीं ली थी। एसीपी जयवीर राठी ने इस बात की पुष्टि की। क्षत्रिय सभा के राजेश रावत का कहना है कि प्रशासन को राजनीतिक रूप से सूचित किया गया था। इसलिए वहां पुलिस बल तैनात किया गया था। एसीपी ने कहा कि पंचायत के विडियो की जांच की जा रही है। हिंसा के लिए जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।