निर्भया केस: जल्लाद के गले की नाप, वजन और लंबाई नापे जाने के बाद रात भर चारों दोषी..

– कभी सेल में एक किनारे में बैठकर तो कुछ देर बाद चहलकदमी करके गुजारी रात
– डेथ वारंट पर रोक लगने की जानकारी मिलने पर फिर बदल गए चेहरे के हाव-भाव

नई दिल्ली । कोर्ट से कानूनी दांव-पेंच के बाद भले ही सोमवार को डेथ वारंट पर रोक लगी हो लेकिन रविवार शाम को तिहाड़ जेल में जल्लाद के पहुंचने के बाद से ही निर्भया के दोषियों के हाव-भाव बदलने लगे थे। मौत का खौफ उनके चेहरे पर साफ तौर पर दिख रहा था। रविवार रात चारों दोषियों की नींद उड़ गई और सभी बेचैन थे और रात में अपने सेल में चहलकदमी करते रहे।

जेल सूत्रों का कहना है कि निर्भया के दोषियों को इस बात का एहसास हो गया है कि अदालत में उनकी कानूनी लड़ाई लड़ी जा रही है लेकिन उनके डेथ वारंट पर रोक लग जाएगी, इसका यकीन उन्हें नहीं था। रविवार को जल्लाद के तिहाड़ जेल में पहुंचने के बाद दोषियों के गले की नाप, वजन और लंबाई नापी गई। यह सब अगले दिन यानी 3 मार्च को दी जाने वाली फांसी की तैयारियों का हिस्सा था। जब यह सब प्रक्रिया चल रही थी तो दोषियों को यकीन हो गया कि 3 मार्च को उन्हें फांसी पर लटका दिया जाएगा।

जेल सूत्र के मुताबिक सारी प्रक्रिया होने के बाद सभी दोषी कभी गुमसुम होकर अपने सेल में एक किनारे में बैठकर सोचने लगते तो कुछ देर बाद चहलकदमी करने लगते थे। यह सिलसिला रात भर चला। कुछ देर झपकी लेने के बाद तड़के ही उन लोगों की नींद खुल गई। उन्हें फांसी होने का यकीन हो गया है, इसलिए वह अब अपने परिवार वालों से भी मिलने से कतराने लगे हैं। सोमवार को किसी भी दोषी का परिवार वाला उनसे मिलने के लिए जेल नहीं पहुंचा। हालांकि जेल प्रशासन सभी दोषियों को नोटिस जारी करके परिवार वालों से अंतिम मुलाकात की बात कह चुका है। एक सप्ताह में दो बार मुलाकात के दौरान पहले ही दोषी अपने परिवार वालों से मुलाकात कर चुके हैं। जेल के सूत्र बताते हैं कि सोमवार शाम डेथ वारंट पर रोक लग जाने की जानकारी जैसे ही उन्हें मिली तो उनके चेहरे के हाव-भाव फिर से बदल गए।

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