
- महसी ब्लॉक के एआरपी की रंग लाई मेहनत कोरोना से बचाव का भी पढ़ा रहे पाठ
क़ुतुब अन्सारी
बहराइच। कोविड-19 को विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा संयुक्त राष्ट्र द्वारा महामारी घोषित किये जाने के फलस्वरूप उत्पन्न विषम परिस्थितियों में पूरे देश मे लॉक डाउन है।पिछले एक माह से कोरोना जैसी महामारी को रोकने के लिए लॉक डाउन पूरे देश मे लागू है।इस वैश्विक महामारी को रोकने का एक ही उपाय अभी तक सामने आया है वह है दैहिक दूरी है।लॉक डाउन की वजह से स्कूल,कॉलेज,विश्वविद्यालय सभी जगह ताले लटके हुए है और परिसरों में सन्नाटा पसरा हुआ है।इन सबके बीच सरकार का आदेश है कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए आन लाइन पढ़ाई करायी जाए।इसी क्रम में जनपद में भी इसका अनुपालन कराया जा रहा है।
संवाददाता ने जब जमीनी हकीकत पता करने के लिए महसी ब्लॉक के गणित विषय के एकेडमिक रिसोर्स पर्सन(एआरपी) डॉ आशीष श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने बताया कि लॉक डाउन की वजह से प्राथमिक व जूनियर विद्यालय बन्द है।ऐसे में शासन के निर्देशानुसार विद्यालयों में आनलाइन कक्षाओं के माध्यम से कोरोना से बचाव और दैहिक दूरी बनाए रखने के लिए जागरूक किया जा रहा है।देश मे वैश्विक महामारी का प्रकोप है.
इसलिए बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए बहुत ही आवश्यक हो तो मास्क,गमछा लगाकर ही निकले।विश्वव्यापी कोरोना महामारी तथा लॉक डाउन के चलते शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा था जिसके समाधान के लिए आन लाइन पढ़ाई व जागरूक करने के निर्देश दिए गए। बेसिक शिक्षा अधिकारी,जिला समन्वय प्रशिक्षण के दिशा निर्देशन में एकेडेमिक रिसोर्स पर्सन्स (एआरपी) के द्वारा शिक्षकों को आवश्यक सुझाव और सहयोग दिया जा रहा है।शिक्षकों के माध्यम से अभिभावकों को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।एआरपी डॉ आशीष ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान कौन- कौन सी सावधानी बरतनी चाहिए,यह भी बताया जा रहा है।
ब्लॉक महसी के विद्यालयों अध्यापकों द्वारा आन लाइन कक्षायें चलायी जा रही है जिससे छात्र/छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित न हो।जिन छात्रों के पास एंड्रॉयड फ़ोन नही है उन्हें साधारण फोन पर काल करके टॉपिक समझाया जा रहा है तथा कोरोना महामारी से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है।बताते चले कि अप्रैल माह से नया सत्र चालू हो जाता था लेकिन लॉक डाउन की वजह से सब स्थिर है।अब देखना यह है कि सब कुछ कब ठीक होगा जिससे छात्र/छात्राओं से स्कूल/गुलजार होंगे और फिर से औपचारिक रूप में पढ़ाई शुरू होगी।