
- दिसंबर के अंत में सर्दी ने दिखाए तीखे तेवर
- ठंड से बचाव के लिए शरीर का अंदर से भी गरम रहना जरूरी – डाॅ0 रामेन्द्र अग्निहोत्री
प्रवीन पाण्डेय/मुकेश चतुर्वेदी
मैनपुरी- दिसंबर माह के अंत में पड़ रही बेइन्तहा सर्दी ने सभी को सोचने पर मजवूर कर दिया है। तापमान में लगातार ही गिरावट होती जा रही है। लोग केवल जरुरी काम से ही बाहर निकल रहे हैं। जब दोपहर के समय धूप निकलती है तब लोग अपने जरुरी काम निपटाने में लग जाते हंै। प्रमुख मार्गो पर भी सन्नाटा दिखाई देने लगा है। सर्दियों के मौसम में ठंड के बढ़ते ही सर्दी, खांसी, बुखार जैसी बीमारियों में बढ़ोतरी हो ही जाती है। इस सर्दी से बचाव के बारे में तथागत हेल्थ केयर सेन्टर गंगापुर के चिकित्सक डाॅ0 रामेन्द्र अग्निहोत्री बताते हैं कि इस मौसम में ठंड से बचने के लिए हम गरम कपड़े तो पहन लेते हैं।
मगर ठंड के असर से बचने के लिए शरीर का बाहर के साथ-साथ अंदर से भी गरम रहना भी जरूरी है। वह आगे बताते हैं कि इन बीमारियों से बचने के लिए कई घरेलू नुस्खे भी अपनाए जा सकते हैं। ठंड में लौंग, तुलसी, काली मिर्च और अदरक से बनी चाय खांसी, सर्दी, जुकाम के लिए रामबाण का काम करती है। इन बीमारियों का मुख्य कारण वायरस का बढ़ता प्रसार होता है। उन्होंने कहा कि जुकाम एक संक्रामक बीमारी है जो बहुत जल्दी बढ़ती है। यह बीमारी बहती नाक, बुखार, सूखी या गीली खांसी अपने साथ लाती है।
जो श्वसन तंत्र पर अचानक हमला करता है। उन्होंने कहा कॉमन कोल्ड में बच्चों और बुजुर्गो को विशेष ध्यान और सावधानी बरतनी चाहिए। सर्दियों में शहद का सेवन करने से शरीर को कई तरह की रोगों से दूर रखा जा सकता है। आयुर्वेद में शहद को अमृत माना गया है। सर्दी, जुकाम होने पर रात को सोने से पहले एक ग्लास गुनगुने दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से यह खत्म हो जाती है। वह बताते हंै कि सर्दी के दिनों में बाजरे की रोटी खाने का बहुत फायदा मिलता है। यह शरीर को तो गर्म रखता ही है। साथ में बाजरे की रोटी में प्रोटीन, विटामिन बी, कैल्शियम, फाइबर और एंटी ऑक्सीडेंट शरीर के लिए अच्छे होते हैं। ठंड से बचने के लिए बच्चों को भी बाजरे की रोटी खिलानी चाहिए।