चेन्नई. पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जीत में अहम भूमिका निभा चुके चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर अब तमिलनाडु के क्षेत्रीय दल डीएमके की नैय्या पार लगाएंगे। डीएमके ने वर्ष 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर अभी से फोकस शुरू कर दिया है। ऐसी संभावनाएं हैं कि सुपरस्टार रजनीकांत एवं कमल हासन दोनों अगले विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमा सकते हैं। ऐसे में डीएमके को अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर होना पड़ा है। हालांकि ऐसा भी बताया जा रहा है कि रजनीकांत, हासन एवं मुख्यमंत्री एडपाडी पलनीसामी पहले ही प्रशांत किशोर से संपर्क कर चुके हैं।
मोदी के लिए चुनावी रणनीतिकार रह चुके
तमिलनाडु में हालिया विधानसभा उपचुनाव विक्रवांडी एवं नांगुनेरी में डीएमके को हार का सामना करना पड़ा है। वेलूर लोकसभा चुनाव में भी डीएमके बहुत कम अंतर से जीत पाई थी। प्रशांत 2014 के आम चुनाव के दौरान नरेन्द्र मोदी के लिए चुनावी रणनीतिकार रह चुके हैं। वे भारतीय राजनीतिक एक्शन कमेटी के प्रमुख है। साथ ही जनता दल (यूनाइटेड) के सदस्य है।
डीएमके गठबंधन ने 39 में से 38 सीटें जीतीं
डीएमके ने 2014 के चुनाव में करारी हार मिलने के बाद प्रशांत के साथ अनुबंध किया था। तब एआईएडीएमके सुप्रीमो जयललिता ने तमिलनाडु की 39 में से 37 सीटों पर कब्जा जमा लिया था। सुनील ने 2016 के विधानसभा चुनाव में डीएमके के साथ काम किया और बाद में छोड़ दिया था। फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में फिर से डीएमके के साथ जुड़े। इस चुनाव में डीएमके गठबंधन ने 39 में से 38 सीटें जीतीं।
मौजूदा दौर में ब्रांड का महत्व अधिक
राजनीतिक अब समझने लगे हैं कि मौजूदा दौर में ब्रांड का महत्व अधिक है। राजनीतिक परिदृश्य बदल रहा है। ऐसे में तकनीकी एवं ब्रांड पर ध्यान देना जरूरी हो गया है। इनकी टीम जमीनी हकीकत का पता लगाती है। मतदाताओं की नब्ज टटोलती है।