PM मोदी-CM योगी के बैनर के साथ नदी बचाने निकले नवाजुद्दीन, बोले- हीरे से भी ज्यादा कीमती है पानी

बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी नदी बचाने निकले हैं। सोमवार को इस सिलसिले में वह मेरठ पहुंचे। यहां काली नदी की सफाई अभियान में शामिल हुए। खास बात है जिस मंच पर डीएम के. बालाजी ने उनका स्वागत किया, वहां लगे बैनर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम आदित्यनाथ योगी की फोटो भी लगी थी।

इस मौके पर नवाजुद्दीन सिद्दीकी बोले- पानी की वैल्यू हीरे से भी ज्यादा है। पानी की हम वैल्यू नहीं करते, क्योंकि आज पानी आसानी से उपलब्ध है, लेकिन जब यह बंद हो जाएगा, तब पता चलेगा कि पानी की कीमत क्या है। हीरा सिर्फ इसलिए मूल्यवान है, क्योंकि वो आज आसानी से उपलब्ध नहीं हैं। इसी तरह पानी भी मूल्यवान है। पानी बचाना, नदी बचाना हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत जरूरी है। लोगों ने महामारी में देखा कि हवा कितनी जरूरी है, लेकिन पानी नहीं रहा तो यह उससे भी ज्यादा खतरनाक रहेगा।

काली नदी के सूखने से नवाजुद्दीन चिंतित
नवाजुद्दीन ने कहा कि अपने यहां की नदी बिल्कुल सूख गई, बिल्कुल काली नदी जैसी हो गई है। हम बच्चों को क्या दे रहे हैं। इन बच्चों को देखकर अफसोस होता है। हमने कभी सोचा कि आने वाली पीढ़ी को हम क्या देंगे? पहले बड़ी-बड़ी नदियां होती थीं। जो काम हम लोगों को करना चाहिए था, वो काम आज प्रशासन कर रहा है। ये हमारे लिए बहुत शर्म की बात है। हमने अपनी नदियों को सूख जाने दिया।

लंदन में भी होता तो नदी उत्थान के काम में जरूर भाग लेता
उन्होंने कहा कि प्रशासन और सिंचाई विभाग आज जो काम कर रहे हैं मैं उसके लिए उन सभी का धन्यवाद देता हूं। लंदन में भी होता तो नदी के उत्थान के इस काम में जरूर भाग लेता, क्योंकि सूखी पड़ी इन नदियों से मेरी यादें जुड़ी हैं। एक वक्त था जब ऐसी ही एक नदी मेरे यहां भी थी। जिससे मेरी तमाम यादें जुड़ी हैं।

अगर नदी उत्थान के इस अभियान में जनता का सहयोग रहेगा तो वापस वही दिन आएंगे। फूल, फल, पेड़, पौधे रहेंगे। हम सभी को इसमें ध्यान देना होगा। जो मिशन उठाया है वो आगे बढ़े। नदी में जो सफाई होगी तो पूरी नदी वापस साफ होगी और गंगा से मिलेगी। मैं जहां भी रहूंगा तो नदी के इस काम के लिए जरूर आऊंगा। मेरे गांव की नदियों में साफ-सफाई हो जाए तो बहुत अच्छा है।

कमिश्नर ने की थी 22 जून को शुरुआत
मेरठ में काली नदी के दोनों तरफ 40 किलोमीटर की लंबाई में पेड़ लगाने का निर्णय लिया है। कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने यह नई पहल शुरू की है। कमिश्नर खुद आगे आए। 22 जून को शरुआत की गई थी। यह कार्यक्रम मेरठ में काली नदी के किनारे शुरू भी किया गया। पहले 15 दिन में 3 किलोमीटर की लंबाई में पेड़ लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। इसमें फलदार वृक्ष भी लगाए जा रहे हैं।

फिल्म अभिनेता नवाजुद्दीन के आने से जागरूकता बढ़ी
मेरठ में सोमवार को रसूलपुर गांव में काली नदी की सफाई की गई। उसके बाद उसमें पौधे लगाए गए। जिला प्रशासन तथा नीर फाउंडेशन के प्रयास से काली नदी की सफाई का काम शुरू कराया गया। यहां पर 3 किलोमीटर लंबाई में काली नदी के दोनों और सफाई कराने के बाद पेड़ लगाए जा रहे हैं। यहां पर सफाई के बाद घने जंगल के लिए वृक्षारोपण-पौधारोपण किया जा रहा है।

4 लाख पेड़ में 25 प्रतिशत फलदार
कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने बताया कि यहां पर फलदार पौधे भी लगाए जा रहे हैं। ताकि वन्य जीवन जैसे बंदर ,विभिन्न पक्षी आदि को भोजन मिल सके। मेरठ में काली नदी का कुल 45 किलोमीटर का हिस्सा आता है। जिसका पूर्ण रूप से सफाई के बाद वृक्षरोपण किया जाना है। जो 4 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उसमें 25 प्रतिशत पेड़ फलदार होंगे। जिनमें अमरूद, आम, आडू, बेल पत्थर, जामुन मुख्य हैं।

500 लोग पौधरोपण अभियान से जोड़े गए
कमिश्नर सुरेंद्र सिंह और डीएम के बालाजी ने पौधरोपण अभियान की शुरुआत 22 जून को की थी। प्रशासन, पुलिस, वन विभाग व फाउंडेशन की तरफ से 500 लोग अभी तक इस अभियान में जोड़े गए हैं। जो पेड़ पौधे लगाए जाने हैं इनकी जिम्मेदारी वन विभाग को दी गई है। मेरा शहर मेरी पहल व नीर फाउंडेशन, के सदस्य भी इसमें शामिल हैं।

व्यापारी व युवा वर्ग को भी किया जा रहा शामिल
मेरठ मंडप एसोसिएशन के महामंत्री और व्यापारी नेता विपुल सिंघल का कहना है कि प्रशासन के साथ अलग-अलग संस्थाएं शामिल हैं। व्यापारी वर्ग और युवाओं को इस अभियान में जोड़ने का काम किया जा रहा है। जिसमें मेरठ के 30 गांव चिन्हित किए गए हैं। यह एक बड़ा अभियान है। काली नदी के दोनों तरफ करीब ढाई किलो मीटर लंबाई तक सफाई कर पौधे लगाए जा चुके हैं।

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