पीएम मोदी ने की ‘मन की बात’, जल संरक्षण के लिए जन आंदोलन का किया आह्वान

PM Modi mann ki baat

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव जीतने के बाद अपने दूसरे कार्यकाल में रविवार को अपने पहले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देश की जनता को संबोधित किया। उन्होंने देशवासियों से च्स्वच्छ भारत अभियानज् की तर्ज पर अब जल संरक्षण पर जागरुकता पैदा करने के लिए अभियान शुरू करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयास से बड़े सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनावों में मिली जीत के लिए जनता को धन्यवाद देते हुए कहा कि जनता के विश्वास के कारण सत्ता में वापसी संभव हुई। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में ६१ करोड़ से ज्यादा लोगों ने मतदान किया जिससे पता चला कि यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक अभ्यास था। मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में सफाई के लिए देशवासियों में जागरुकता पैदा करने के लिए च्स्वच्छ भारत अभियानज् शुरू किया था। इसकी व्यापक सफलता को देखते हुए प्रधानमंत्री ने अपने दूसरे कार्यकाल में जल संरक्षण के विषय को चुना है। उन्होंने कहा कि आपको आश्चर्य होगा कि सालभर में वर्षा से जो पानी प्राप्त होता है उसका केवल ८ प्रतिशत हमारे देश में बचाया जाता है, अब समय आ गया है इस समस्या का समाधान निकाला जाए, मुझे विश्वास है, हम दूसरी और समस्याओं की तरह ही जनभागीदारी से इस संकट का भी समाधान कर लेंगे।

उन्होंने कहा कि पानी की एक-एक बूंद को बचाने के लिए एक जागरुकता अभियान की शुरुआत करें। इसमें पानी से जुड़ी समस्याओं के बारे में बतायें, साथ ही पानी बचाने के तरीकों का प्रचार-प्रसार करें। मैं विशेष रूप से अलग-अलग क्षेत्रों की हस्तियों से जल संरक्षण के लिए अभिनव अभियान का नेतृत्व करने का आग्रह करता हूं। फिल्म व खेल जगत, हमारे मीडिया के साथी, सामाजिक संगठनों से जुड़े हुए लोग, सांस्कृतिक संगठनों से जुड़े हुए लोग, कथा-कीर्तन करने वाले लोग, हर कोई अपने-अपने तरीके से इस आंदोलन का नेतृत्व करें। मोदी ने कहा कि सामूहिक प्रयास से बड़े सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। पूरे देश में जल संकट से निपटने का कोई एक फॉर्मूला नहीं हो सकता है। इसके लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीके से प्रयास किये जा रहे हैं लेकिन सबका लक्ष्य एक ही है और वह है जल संरक्षण।

प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्होंने जल संरक्षण के महत्व और ग्रामीण भारत में इस विषय पर जागरुकता पैदा करने के लिए कदम उठाने के लिए ग्राम प्रधानों को एक पत्र लिखा है। च्मन की बातज् के माध्यम से प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण पर देशवासियों से तीन प्रकार के आग्रह किये। उन्होंने कहा कि जैसे देशवासियों ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया, आइए, वैसे ही जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करें।हमारे देश में पानी के संरक्षण के लिए कई पारंपरिक तौर-तरीके सदियों से उपयोग में लाए जा रहे हैं, मैं आप सभी से, जल संरक्षण के उन पारंपरिक तरीकों को साझा करने का आग्रह करता हूं। आप सभी से मेरा तीसरा अनुरोध है कि जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों का, स्वयंसेवी संस्थाओं का और इस क्षेत्र में काम करने वाले हर किसी का, उनकी जो जानकारी हो, उसे आप साझा करें। हम सभी जल संरक्षण से जुड़ें और ज्यादा से ज्यादा तरीकों की एक सूची बनाकर लोगों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित करें। आप सभी #JanShakti4JalShakti हैशटैग का उपयोग करके अपना कंटेंट साझा कर सकते हैं।

जल संरक्षण पर दिए ये तीन सुझाव–

1- जिस तरह से देशवासियों ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया. ठीक वैसे ही जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करनी चाहिए.

2- देश में पानी के संरक्षण के लिए कई पारंपरिक तौर-तरीके सदियों से उपयोग में लाए जा रहे हैं. जल संरक्षण के उन पारंपरिक तरीकों को लोग एक दूसरे से साझा करें.

3- यदि आप जल संरक्षण काम करने वाले किसी व्यक्ति या गैर सरकारी संगठन के बारे में जानते हैं, तो लोगों के उसके बारे में बताएं.

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