
भोपाल । मध्य प्रदेश की राजनीति में आए सत्ता परिवर्तन के भूचाल से अब कांग्रेस को राहत मिल चुकी है। इस मामले में राज्य की कमलनाथ सरकार के ऊपर छाए संकट के बादल समाप्त हो चुके हैं, अभी कुछ समय पहले तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाने वाले कांग्रेसी नेताओं ने कहा है कि सभी का भरोसा कमलनाथ एवं कांग्रेस के साथ है। जिन 9 विधायकों को बंधक बनाया गया था, उनमें से 6 विधायक वापस आ चुके हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को अपनी सरकार के मंत्रियों और विधायकों से चर्चा की है।
उधर, विधायकों को बंधन बनाने को लेकर प्रदेश में राजनीतिक बवाल अब भी मचा हुआ है। कांग्रेस के कई नेता कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने के आरोप अब भी भाजपा पर लगा रहे हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश नेतृत्व साफ कर चुका है कि यह जो कुछ भी हो रहा है वह कांग्रेस के अंतर्कलह का परिणाम है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को अपने मंत्रियों और पार्टी विधायकों से मुलाकात की। इस दौरान विधायक संकट को लेकर भी सभी के बीच खुलकर बातचीत हुई है। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद प्रदेश सरकार के पर्यटन मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल ने कहा है कि संकट समाप्त हो गया है और उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है। वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजयसिंह ने भी मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार पर कोई संकट नहीं है। इसी बीच कांग्रेस ने दावा किया है कि बंधक बनाए गए विधायकों में से 6 उनके साथ आ गए हैं।
इस संबंध में प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का कहना था कि बाकी विधायकों को भाजपा के लोगों ने बेंगलुरू भेज दिया है लेकिन वे कांग्रेस के साथ ही हैं। इस मामले में वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि यह घटना कांग्रेस की अंतर्कलह का परिणाम है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव को लेकर भी कांग्रेस में खींचतान चल रही है और यह घटना इससे भी संबंधित हो सकती है। इसी तरह की बातें पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने भी कही हैं।
उन्होंने कहा कि राज्यसभा के लिए दिग्विजय जाएंगे या ज्योतिरादित्य सिंधिया। यह पूरी लड़ाई इस मामले को लेकर है और इसीलिए ही कांग्रेस में इन दिनों घमासान मचा हुआ है। आपस में ही मारामारी मची है और आरोप हम पर लगा रहे हैं।