
दिल्ली में केजरीवाल सरकार के जीत के प्रमुख रहे प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने आज पटना में बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि मैं नई पार्टी बनाने नहीं आया हूं। मैं 20 फरवरी से ‘बात बिहार की’ (Baat Bihar Ki) नाम से एक कैंपेन शुरू करने जा रहा हूं। इस कैंपेन के जरिए 100 दिनों तक बिहार घूमूंगा। किशोर ने कहा, ‘बिहार को एक सशक्त नेता की जरूरत है, जो किसी को पिछलग्गू न बने।’
पीके ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मेरा और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का संबंध राजनीति का नहीं था। वह मुझे अपना बेटा मानते थे। पार्टी से निकालने नीतीश जी के फैसला का मैं स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि नीतीश जी के साथ उनके मतभेद विचारधारा को लेकर है। नीतीश उनके साथ है जो गोडसे की विचारधारा को मानते है। महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे एक साथ नहीं चल सकते।
Political strategist Prashant Kishor: Hum woh neta chahte hain jo sashakt ho, jo Bihar ke liye apni baat kehne mein kisi ka pichhlaggu na bane. https://t.co/V7X22ul1Rw pic.twitter.com/5SMSJCClm0
— ANI (@ANI) February 18, 2020
प्रशांत किशोर ने कहा बिहार में विकास हुआ है, लेकिन विकास की गति काफी धीमी है। 2005 में जो स्थिति थी वह आज भी बिहार की है। पीके ने कहा, मैं इसलिए नहीं बैठा हूं कि कोई राजनीतिक पार्टी बना कर चुनाव लडूं। मैं बिहार में चुनाव लड़ने और लड़ाने नहीं आया हूं। उन्होंने कहा कि जबतक जिंदा हूं, बिहार की सेवा करूंगा।
पश्चिम बंगाल में जेड श्रेणी की सुरक्षा
उधर प्रशांत किशोर को ममता बनर्जी सरकार ने जेड श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला लिया है। किशोर बीजेपी के खिलाफ पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनावी रणनीति बना रहे हैं। प्रशांत ने ममता बनर्जी के लिए ‘दीदी के बोलो’ कार्यक्रम की शुरुआत की है। पिछले वर्ष 29 जुलाई को इसे लॉन्च किया गया था।