पल्स पोलियो अभियान आज से, सात लाख बच्चों को पिलाई जाएगी पोलियो ड्रॉप

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– 15 मार्च तक चलाया जाएगा अभियान

 

गाजियाबाद

जनपद में 10 मार्च से पल्स पोलियो अभियान चलाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की विभाग की टीमें स्कूलों में और घर-घर जाकर बच्चों को ड्राप पिलाएंगी। शनिवार को कैलाभट्टा में पोलियो निकालकर अभियान के प्रति लोगों को जागरूक किया गया। रैली को महापौर आशा शर्मा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर सीएमओ डा. एनके गुप्ता, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. विश्राम सिंह और डब्लूएचओ व यूनीसेफ के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. नेपाल सिंह ने बताया कि 10 मार्च को पोलियो डे पर एक हजार छह सौ छप्पन बूथों पर पोलियो ड्राप पिलाने की व्यवस्था की गई है। जनपद में कुल 2116 टीमें इस काम के लिए लगाई गई हैं। इन टीमों के काम के सुपरविजन के लिए 765 सुपरवाइजरों की तैनाती की गई है। इसके अलावा पोलियो डे पर जनपद में 318 मोबाइल टीमें भी बच्चों को पोलियो की दवा पिलाएंगी। इतना ही नहीं सफर में होने वाले बच्चों को दवा पिलाने के लिए रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर दवा पिलाने के लिए पूरे जनपद में 161 ट्रांजिट बूथ बनाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से पूरी व्यवस्था की गई कि शून्य से पांच साल तक का एक भी बच्चा पोलियो की दवा पीने से वंचित न रहने पाए।

इसके बाद भी यदि कोई बच्चा पोलियो ड्रॉप पीने से छूट गया तो उसके लिए 11 से 15 मार्च तक टीमें घर-घर जाकर बच्चों को दवा पिलाएंगी। गाजियाबाद में सात  लाख बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य है। मलिन बस्तियों के लिए विशेष टीमों को लगाया जाएगा। घर-घर जाने वाली हर तीन टीम पर एक सुपर वाइजर नियुक्त किया गया है, ये इनकी निगरानी करेंगे। इसी तरह पांच मोबाइल टीम पर एक सुपरवाइजर नजर रखेगा। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. विश्राम सिंह ने बताया कि कोई भी बच्चा पोलियो ड्राप से वंचित न रहे, इसके लिए टीमों के सदस्यों को विभाग की ओर से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

डा. सिंह ने बताया कि ईंट भट्टों और निर्माण साइट्स पर इस बार विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन साइटों पर 15 से 18 मार्च तक दवा पिलाने की व्यवस्था की गई है। यह रणनीति इसलिए बनाई गई है क्योंकि ये मजदूर वर्ग के लोग जल्दी-जल्दी जगह बदल लेते हैं। डा. सिंह ने बताया कि शहर और देहात में जो बच्चे दवा खाने से छूट जाएंगे उन्हें 19-20 मार्च को कवर किया जाएगा। सबको दवा पिलानी है, क्योंकि एक भी बच्चा छूटा सुरक्षा चक्र  टूटा। उन्होंने बताया कि जन्म के समय पर, छह सप्ताह, दस सप्ताह, 14 सप्ताह तक और उसके बाद पांच साल तक दवा पिलाना जरूरी है।

– 318 मोबाइल टीम- ये टीमें अविकसित कालोनियों, ईंट भट्टों, और जहां निर्माण कार्य चल रहा है, वहां बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाएंगी।

– 161 ट्रांजिट बूथ- बस स्टेंड, चौराहों, रेलवे स्टेशन, मेला क्षेत्र, पैठ बाजार आदि स्थानों पर बूथ बनाकर दवा पिलाई जाएगी।