‘राष्ट्र निर्माण में नागरिकों की भूमिका’ पर विचार संगोष्ठी आयोजित

मुहब्बत और एकता से ही राष्ट्र निर्माण संभव-प्रोफेसर लोकेश
गाजियाबाद। मेवाड़ शैक्षणिक संस्थान के निदेशक प्रोफेसर लोकेश शर्मा ने कहा कि मुहब्बत और एकता से ही राष्ट्र निर्माण संभव है। प्रभाष परम्परा न्यास और मेवाड़ विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ऑनलाइन विचार संगोष्ठी में ‘राष्ट्र निर्माण में नागरिकों की भूमिका’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्र तभी मजबूत होगा जब हम सब मजबूत होंगे। इसके लिए शिक्षित होना परम आवश्यक है। हम एक-दूसरे की बात सुनें और स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी के सपनों को साकार करें। आज स्मार्ट सिटी नहीं स्मार्ट सिटीजन बनाने की जरूरत है। हम अपने दायित्वों को समझें और आपसी संबंधों को मधुर बनाएं, तभी देश आगे बढ़ेगा।

मेवाड़ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि पिछले आठ सालों में देश विकास की ऊंचाइयों को छू चुका है। भौतिक और आर्थिक रूप से हम दुनिया में आगे हो गये हैं लेकिन हम देश के लिए क्या कर रहे हैं और देश को क्या दे रहे हैं यह आज भी एक विचारणीय प्रश्न है। उन्होंने कहा कि अगर हम देश को विश्व पटल पर देखना चाहते हैं तो नौजवानों के लिए विशेष काम करने होंगे। उनमें शिक्षा और समझ पैदा करनी होगी। उन्हें उनके कर्तव्यों का स्वाभाविक रूप से बोध कराना होगा। युवाओं के बीच रहना होगा। इसके लिए शिक्षण संस्थान महती भूमिका निभा सकते हैं। नई पीढ़ी को अच्छे से संस्कारित कर सकते हैं। इसी से हमारा राष्ट्र उन्नत होगा और सांस्कृतिक नवचेतना का विकास होगा। उन्होंने कहा कि सब काम सरकार नहीं कर सकती, देश के नागरिकों को भी अपने कर्तव्य समझने होंगे। अपनी जिम्मेदारी संभालनी होगी। वरिष्ठ पत्रकार एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष राम बहादुर राय ने राष्ट्र निर्माण में नागरिकों की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने इसके लिए जागरूकता और शिक्षा को अहम बताया। संचालन वरिष्ठ पत्रकार मनोज मिश्र ने किया। इस अवसर पर मेवाड़ परिवार और प्रभाष परम्परा न्यास के सदस्य काफी संख्या में मौजूद रहे।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें