राम मंदिर निर्माण पर उद्धव ठाकरे ने बोला PM पर हमला, कहा-“राम मंदिर आप बनाएंगे या हम, इस बात का फ़ैसला हो जाए”

नई दिल्ली । राम मंदिर निर्माण पर सियासत गरमा गयी है वाही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शिवसेना की दशहरा रैली के दौरान महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार पर करारा हमला किया है। उद्धव ठाकरे ने मुंबई के शिवाजी पार्क में कहा कि रावण तो हर साल आता है लेकिन राम मंदिर नहीं आता है। इसके अलावा उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की जमकर तारीफ की।

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिये अपनी आवाज बुलंद करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह 25 नवंबर को उत्तर प्रदेश के उस शहर में जाएंगे। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी सवाल किया। इसके अलावा उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि धनुष और बाण उठाने के लिए कुछ इंच की छाती नहीं, हिम्मत चाहिए ।

2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों से कुछ महीने पहले मुंबई में पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि देश में 2014 जैसी लहर नहीं है। भाजपा ने 2014 में अपनी चुनावी जीत का श्रेय मोदी लहर को दिया था। इसके अलावा कहा प्रधानमंत्री जी आप जनता की भावनाओं के साथ मत खेलिए। अगर उन्होंने उम्मीद खो दी तो आपका सिंहासन मिट्टी में मिल जाएगा। पीएम कई देशों में जाते हैं लेकिन अयोध्या एक बार भी नहीं गए।

ठाकरे ने शिवसेना कार्यकर्ताओं से चुनावों के लिये तैयार रहने को कहा। इसी साल हुए पार्टी के सम्मेलन में शिवसेना ने घोषणा की थी वह भविष्य में होने वाले चुनाव अकेले लड़ेगी। शिवसेना केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में साझीदार है और राजग का सबसे पुराना घटक है। ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में कहा, मैं 25 नवंबर को अयोध्या जाउंगा।

मैं प्रधानमंत्री मोदी से सवाल करूंगा। हम प्रधानमंत्री के दुश्मन नहीं है, लेकिन हम लोगों की भावनाओं के साथ नहीं खेलना चाहते। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि प्रधानमंत्री बनने के साढ़े चार साल बाद भी मोदी क्यों अयोध्या नहीं गए। ठाकरे ने भाजपा से कहा कि वह राम मंदिर निर्माण के अपने वादे को अगर पूरा नहीं करती है तो इसे जुमला घोषित कर दे।

 

मोदी पर निशाना, ‘देश में 2014 की लहर नहीं
2019 के लोकसभा चुनावों से कुछ महीने पहले सेंट्रल मुंबई में दशहरा रैली में ठाकरे ने कहा, ‘अब देश में 2014 की तरह लहर नहीं है।’ आपको बता दें कि बीजेपी ने 2014 में अपनी चुनावी सफलता का श्रेय मोदी लहर को दिया था। ठाकरे ने शिवसेना के वर्करों को चुनावों के लिए तैयार रहने को भी कहा है। केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी की अगुआई वाली सरकारों में शामिल NDA के सबसे पुराने घटक दल ने इस साल की शुरुआत में भविष्य में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। रैली में उन्होंने कहा, ‘मैं मंदिर निर्माण में कथित देरी पर पीएम से सवाल पूछना चाहूंगा… हम प्रधानमंत्री के दुश्मन नहीं हैं लेकिन हमें लोगों की भावनाओं के साथ नहीं खेलना चाहिए।’

‘अभी हम जिंदा हैं, जा रहा हूं अयोध्या’
मुंबई में उद्धव ने कहा कि जिन्हें लगता है कि हिंदुत्व मर गया है, वे जान लें कि हम अभी भी जिंदा हैं। शिवसेना कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश में लगे उद्धव ने कहा, ‘हम उन लोगों को चेतावनी दे रहे हैं, जिन्हें लगता है कि हिंदुत्व मर गया है। हम अभी भी जिंदा हैं। हमें दुख है कि अभी तक राम मंदिर नहीं बनाया गया है। मैं 25 नवंबर को अयोध्या जा रहा हूं।’

पाक, आर्टिकल 370 पर भी बीजेपी पर हमला
शिवसेना चीफ ने आर्टिकल 370, बढ़ती कीमतों, पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख जैसे कई मसलों पर बीजेपी सरकार पर हमला बोला। ठाकरे ने महाराष्ट्र बीजेपी के एक नेता के उस बयान का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी भगवान विष्णु के 11वें अवतार हैं। ठाकरे ने कहा, ‘अगर ऐसा है तो मोदी सरकार बढ़ती कीमतों पर अंकुश क्यों नहीं लगा पा रही है?’

अयोध्या मिशन से पहले आदित्य ठाकरे ने बनाई खास योजना
मुंबई में शिवाजी पार्क और शिवसेना भवन के आसपास शिवसेना द्वारा लगाए गए ‘चलो अयोध्या’ के बड़े-बड़े पोस्टर आगामी चुनावों में भगवा राजनीति के ध्रुवीकरण का शंखनाद कर रहे हैं। शिवाजी पार्क मैदान में हर साल होने वाली शिवसेना की परंपरागत दशहरा रैली से दो दिन पहले लगाए गए इन पोस्टरों से यह साफ हो गया है कि शिवसेना इस बार हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी को पटखनी देने की कोशिश कर रही है। बताया जा रहा है कि इस योजना के पीछे आदित्य ठाकरे का दिमाग है।

पिछले कुछ दिनों में शिवसेना ने न सिर्फ राम मंदिर बल्कि धारा 370 और कॉमन सिविल कोड के मुद्दे पर भी बीजेपी को बार-बार घेरने की कोशिश की है। राजनीतिक विश्लेषक यह मानते हैं कि शिवसेना इन चुनावों से पहले राज्य में हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण अपने पक्ष में करने की भरसक कोशिश कर रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी मत है कि शिवसेना हिंदुत्व के मुद्दे पर महाराष्ट्र के बाहर भी अपना विस्तार करने की तैयारी कर रही है।

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