सीतापुर : आंगनबाड़ी कार्यकत्री-सहायिकाओं के पदों पर निकली भर्ती, जाने इसकी प्रक्रिया

सीतापुर। महिला एवं बाल विकास पुष्टाहार विभाग में मुख्य आंगनबाड़ी कार्यकत्री, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री तथा सहायिकाओं के खाली पड़े पदों पर शासन ने पुनः भर्ती करने की हरी झंडी दे दी है। लेकिन इस बार शासन ने भर्ती की कई प्रक्रियाओं में पूर्व की भांति से इस बार बड़ा फेरबदल सख्त किया है।

62 वर्ष पूर्ण होने पर स्वतः समाप्त होगी सेवा

इस बार आंगनवाडी कार्यकत्री से लेकर मिनी आंगनवाड़ी तथा सहायिकाओं की भर्ती के लिए जो शैक्षिक योग्यता रखी गई है वह इंटरमीडिएट अनिवार्य की गई है। शैक्षिक योग्यता की बात करें तो कक्षा 12 से कम इन पदों पर भर्ती नहीं की जाएगी, चाहे वह सहायिका का ही पद क्यों ना हो। आयु सीमा की अगर बात करें तो मुख्य आंगनबाड़ी कार्यकत्री से लेकर सहायिका की 18 वर्ष से 35 वर्ष की आयु निर्धारित की गई है। इतना ही नहीं यह उम्र हाई स्कूल के अंकपत्र पर ही मान्य की जाएगी। इसके अलावा कोई भी अंकपत्र उम्र का मान्य नहीं होगा। सरकार ने इस बार यह भी स्पष्ट कर दिया है कि 62 वर्ष पूर्ण होने पर मानदेय दी जाने वाली समस्त सेवाएं स्वतः समाप्त हो जाएंगी।

सहायिकाओं को पहली प्राथमिकता

एक बात और आपको यहां पर बता दें कि आंगनवाड़ी मुख्य आंगनवाड़ी कार्यकत्री के पद पर इस बार भर्ती के लिए पहले 50 प्रतिशत सहायिका को प्राथमिकता दी गई है। सहायिका के लिए अनिवार्यता वही रहेगी जो नए आवेदन करने वाले अथवा सीधी भर्ती के लिए जिन्होंने आवेदन किया होगा। कहने का तात्पर्य सहायिका के लिए इंटरमीडिएट का पास होना अनिवार्य होगा तथा उसकी उम्र 50 वर्ष से अधिक ना हो। इस बार इस बात को भी नियमावली में शामिल किया गया है। जिस सहायिका को आंगनवाड़ी कार्यकत्री के पद पर चयन करने के लिए प्राथमिकता दी गई है। उसके साथ यह भी अनिवार्यता जोड़ी गई है कि वह कम से कम 5 वर्ष का कार्यकाल उसी आंगनवाड़ी केंद्र पर पूर्ण कर चुकी हो तथा इंटरमीडिएट की योग्यता हो और 50 वर्ष से अधिक ना हो।

स्थानीय निवासी होना अनिवार्य

अगर हम बात करें कि किस की भर्ती होगी तो उस आधार पर जो पद जहां का होगा वहीं की महिला का निवास होना अनिवार्यता होगा यानी कि जिस ग्रामसभा का पद होगा उसी ग्राम सभा की महिला का होना अनिवार्य है। अगर वहां से किसी महिला का आवेदन नहीं आता है तभी दूसरी महिला का आवेदन लिया जाएगा। चाहे वह आंगनवाडी कार्यकत्री का पद हो चाहे मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्री का पद हो या चाहे सहायिका का ही पद क्यों ना हो।

भर्ती के बाद न हो लापरवाही

इतना ही नहीं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली तलाकशुदा महिला तथा परिव्यक्ता महिला को प्राथमिकता दी जाएगी। इस बार नियमावली में यह भी लिया गया है कि जो भी भर्ती होगी उसमें 5 वर्ष तक की सेवा में कोई लापरवाही ना हो तथा 3 माह से ज्यादा अनुपस्थित ना हो अन्यथा कड़ी कार्यवाही हो सकती है। साथ ही यह भी आदेश में किसी भी दशा में आरक्षण प्रभावित ना हो। 50 प्रतिशत आंगनवाडी कार्यकत्री के पदों पर पहले सहायिकाओं की भर्ती की जाएगी और उसके बाद में अगर सहायिका उस अनिवार्यता में नियमावली में नहीं आती है तभी सीधी भर्ती के माध्यम से आवेदकों को चयनित किया जाएगा।

चयन समिति का गठन

शासन ने जो निर्देश दिए हैं उसके तहत डीएम एक चयन समिति का गठन करेगा। जिसमें अध्यक्ष के पद पर मुख्य विकास अधिकारी या अपर जिलाधिकारी अथवा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को अध्यक्ष बनाया जाएगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी को सचिव पद दिया जाएगा तथा चयन में 4 सदस्यों का होना अनिवार्य रहेगा। चयन के दौरान अध्यक्ष और सचिव समेत दो सदस्य अवश्य रूप से अनिवार्य रहेंगे। इस बारे में जब जिला कार्यक्रम अधिकारी से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि चयन प्रक्रिया पर शीघ्र ही कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले के अंदर मुख्य आंगनवाड़ी कार्यकत्री, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्री तथा सहायिकाओं के कुल पदों को मिलाया जाए तो हजारों की संख्या में पद खाली पड़े हुए हैं इन पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू कर दी जाएगी।

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